कैसे उबरे मौत के डर से‚ योग भी है कारगर

– विनोद कुमार


मृत्‍यु निश्चित है लेकिन यह जानने के बावजूद हर व्यक्ति को मौत काता है। गुजरता हुआ अत्यधिक सक्रिय हो जाता है जिससे उस सदमे का प्रभाव व्यक्ति पर गहरा और स्थायी रूप से लंबे समय तक रहता है और उसे दुनिया या अधिकतर स्थितियां भयावह और खतरनाक लगने लगती है। जब इस सदमे का समाधान नहीं किया जाता है तो डर और लाचारी की यह भावना आपात का रूप लेने लगती है।