A 6-year-old from Uzbekistan gets a new lease of life from recurrent Ewing Sarcoma

–Vinod Kumar


New Delhi: A city Hospital has successfully treated a six-year-old patient from Uzbekistan suffering from recurrent round cell tumor, identified as PNET/Ewing sarcoma. 

The Indian Academy of Pediatrics introduces Nationwide Pathbreaking Child Health Campaign


- Vinod Kumar

Mumbai: The Indian Academy of Pediatrics (IAP) has launched a pioneering program called “IAP Ki Baat, Community Ke Saath” to actively engage with communities and provide essential information on child health. The first topic to be covered is “Anemia Ki Baat, Community Ke Saath,” followed by

बहुत ज्यादा पानी पीना जानलेवा हो सकता है

– विनोद कुमार



क्या आप भी शरीर में तरलता (हाइड्रेशन) बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा पानी पीते हैं? यदि हां, तो सावधान हो जाएं और तुरंत ऐसा करना बंद करें!

साहित्य और सिनेमा से मनुष्य जीवन और समाज जीवन अत्यंत प्रभावित - प्रो. सुनील कुलकर्णी

– विनाेद कुमार

केंद्रीय हिंदी निदेशालय,भारत सरकार के निदेशक प्रो.सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने कहा कि, साहित्य और सिनेमा दोनों हमारे वर्तमान जीवन के अविभाज्य अंग है। इन दोनों से मनुष्य जीवन और समाज जीवन अत्यंत प्रभावित हुआ है, प्राय: होता रहा है और आगे भी भविष्य में निरंतर होता रहेगा। इसलिए इसकी ओर हममें से कोई भी अनदेखी नहीं कर सकता। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। मेरे सामने सवाल है कि साहित्य और सिनेमा इन दोनों में सबसे प्रभावी माध्यम कौन सा है? 

पूर्व प्रधानमंत्री प्रेरणा समिति ने अभिनेता संजीव झा को किया सम्मानित


पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री चन्द्रशेखर सिंह प्रेरणा समिति एवं अन्तर प्रान्तीय भोजपुरी समाज द्वारा राष्ट्रीय संत समागम नारी/छात्रा सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन इस्कॉन मंदिर  आडिटोरियम, जुहु, मुम्बई में किया गया। इसमें  मशहूर भजन सम्राट कमलेश उपाध्याय (हरिपुरी), रामचंद्र पराजपति, इस्कॉन मंदिर के संत एवं टीवी जगत के मशहूर कलाकार मौजूद रहे। 

केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के तत्वाधान में मुंबई में सिनेमा पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

– विनाेद कुमार

संगोष्ठी के दौरान डा़ रामदास तोंडे की पुस्तक ʺसाहित्य और सिनेमाʺ का लोकार्पण


तेजी से बदलते युग में ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय पर विचार विमर्श के लिए वसई के संत गोन्सालो गार्सिया महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा एक से तीन फरवरी के दौरान तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया था। 

यह आयोजन केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नई दिल्ली, उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में सिनेमा और साहित्य से जुडी देशभर की हस्तियों एवं शोधार्थीयों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, सुप्रसिद्ध हिंदी कथाकार, कवि एवं फिल्मकार उदय प्रकाश, संगोष्ठी प्रभारी एवं केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. मोहम्मद नसीम, संत गोन्सालो गार्सिया महाविद्यालय के हिन्दी विभाग अध्यक्ष डॉ. रामदास तोंडे, प्राचार्य डॉ.सोमनाथ विभूते, फिल्म लेखक विनोद विप्लव, श्री.धीरज मेश्राम, डॉ.शीतला प्रसाद दुबे, देशभर से आए प्रमुख हिन्दी विद्वान डॉ. संदीप रणभीरकर, डॉ.आशुतोष कुमार मिश्र, श्री.हार्दिक भट्ट, डॉ. मोहसिन अली खान, डॉ. अपर्णा पाटील, प्रो.बिपुल कुमार, डॉ.मुन्ना पाण्डेय, डॉ.गंगाधर चाटे, डॉ.संतोष मोटवानी, डॉ. तब्बसुम खान, प्रो.दिलीप शाक्य,डॉ. सचिन गपाट,गजल गीतकार मनजीत सिंह कोहली, कवयित्री नीता श्रीवास्तव आदि विशेषज्ञों ने साहित्य और सिनेमा के विविध पक्षों पर अपने सारगर्भित विचार रखें।


भारतभर से आए प्रध्यापकों और शोधार्थियों ने अपने सौ से अधिक शोध आलेख प्रस्तुत किए। इस संगोष्ठी का उद्देश्य ‘साहित्य और सिनेमा’ के बीच के संबंधों की पडताल करना और उन दाेनों के प्रभाव को समझना था। इस संगोष्ठी ने साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों‚ शोधकर्ताओं और विशषेज्ञों को एक मंच प्रदान किया, जिसपर इस क्षेत्र में हुए शोधों और विचारों काे साझा किया जा सका।साथ ही तेजी से बदलते दौर में साहित्य और सिनेमा की दशा-दिशा और चुनाैतियों पर भी विचार विमर्श किया गया। 

इस संगोष्ठी में सोशल मीडिया के युग में साहित्य और सिनेमा, हिन्दी सिनेमा की विकासयात्रा और संभावनाएं‚ हिंदी की साहित्यिक कृतियों का फिल्म रूपांतरण‚ हिन्दी सिनेमा और क्षेत्रीय सिनेमा‚ हिंदी सिनेमा का कला एवं तकनीकी पक्ष और फिल्म समीक्षा, सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। 

संगोष्ठी का सूत्रसंचालन डॉ.लतिका पाटील ने किया और आभार डॉ.रामदास तोंडे ज्ञापित किया। संगोष्ठी की सफलता के लिए एनएसएस के स्वयंसेवक,हिंदी विभाग के छात्र और महाविद्यालय के प्रध्यापकों और कर्मचारियों ने कड़ा परिश्रम किया।