■ विनोद विप्लव
एग्री यंग मैन से हंग्री ओल्ड मैन बनने का अमिताभ बच्चन का सफर
Need of the Hour: A Holistic Approach to Food and Nutrition Security
कैसे उबरे मौत के डर से‚ योग भी है कारगर
– विनोद कुमार
मृत्यु निश्चित है लेकिन यह जानने के बावजूद हर व्यक्ति को मौत काता है। गुजरता हुआ अत्यधिक सक्रिय हो जाता है जिससे उस सदमे का प्रभाव व्यक्ति पर गहरा और स्थायी रूप से लंबे समय तक रहता है और उसे दुनिया या अधिकतर स्थितियां भयावह और खतरनाक लगने लगती है। जब इस सदमे का समाधान नहीं किया जाता है तो डर और लाचारी की यह भावना आपात का रूप लेने लगती है।
Are you drinking too much water in a bid to stay hydrated?
Vinod Kumar
मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में ‘शिक्षक दिवस’ पर विशेषज्ञों ने की गुरू के महत्व पर चर्चा की
– विनोद कुमार
शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर आज मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (मो.दे.रा.यो.सं.) के प्रेक्षागृह में डिप्लोमा इन योग साइंस (डीवाईएससी) के नवागंतुक छात्र-छात्राओं के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. संजीव शर्मा, कुलपति, एन.आई.ए., आयुष मंत्रालय, जयपुर ने मुख्य अतिथि और प्रो. सुदीप्त रथ, डीन अंतःविषय पाठ्यक्रम और आईटी प्रभारी, एनआईए, जयपुर ने विशिष्ट अतिथि के रुप में शिरकत की। डॉ. काशीनाथ समगंडी, निदेशक, मो.दे.रा.यो.सं. ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के सामूहिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
योग के क्षेत्र में अकादमिक और चिकित्सीय उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान का कार्यक्रम
– विनोद कुमार
नई दिल्ली। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत कार्यरत मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में 19 से 24 अगस्त के दौरान आयुष शिक्षकों (सहायक आचार्य और उससे ऊपर), डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए छह दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक आयामों में योग में प्रतिभागियों की अकादमिक और चिकित्सीय विशेषज्ञता को बढ़ाने और उन्नत करने के लिए बनाया गया है।
इस 6 दिवसीय कार्यक्रम का मूल उद्देश्य दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक क्षेत्रों में प्रतिभागियों के अकादमिक और चिकित्सीय ज्ञान को फिर से सक्रिय और बढ़ाना है।
भारत में एक मजबूत ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए हर घर थंडर अभियान
भारत के अग्रणी चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर टीसीपीएल ने #HarGharThunder अभियान शुरू किया है। यह अपनी तरह की पहली पहल है।
Ujjain Man Who Lost Both Hands and One Leg in Electric Shock Accident Successfully Undergoes Bilateral Hand Transplant
- Vinod Kumar
Three years ago in December 2020, Jeevesh Kushwah, a mechanical engineer from Ujjain, Madhya Pradesh accidentally sustained a high-voltage electric shock, while working in a steel fabrication factory. He suffered severe electric burns on both his arms and legs and was rushed to a nearby hospital and later on, treated in Indore.
फिल्मों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वराज कपूर और मनु महाराज की जोड़ी आगे आये
मुम्बई में आयोजित छठवें ग्लोबल फिल्म एवं टूरिज्म कॉन्क्लेव में लोकप्रिय उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता स्वराज कपूर और मनु महाराज पहुंचे जहा पर बॉलीवुड के दिग्गज अब्बास-मस्तान और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के साथ साथ कई फिल्मी हस्तियां भी इस इवेंट में शामिल रहे ।
A 6-year-old from Uzbekistan gets a new lease of life from recurrent Ewing Sarcoma
–Vinod Kumar
New Delhi: A city Hospital has successfully treated a six-year-old patient from Uzbekistan suffering from recurrent round cell tumor, identified as PNET/Ewing sarcoma.
The Indian Academy of Pediatrics introduces Nationwide Pathbreaking Child Health Campaign
Mumbai: The Indian Academy of Pediatrics (IAP) has launched a pioneering program called “IAP Ki Baat, Community Ke Saath” to actively engage with communities and provide essential information on child health. The first topic to be covered is “Anemia Ki Baat, Community Ke Saath,” followed by
बहुत ज्यादा पानी पीना जानलेवा हो सकता है
– विनोद कुमार
क्या आप भी शरीर में तरलता (हाइड्रेशन) बनाए रखने के लिए बहुत ज्यादा पानी पीते हैं? यदि हां, तो सावधान हो जाएं और तुरंत ऐसा करना बंद करें!
साहित्य और सिनेमा से मनुष्य जीवन और समाज जीवन अत्यंत प्रभावित - प्रो. सुनील कुलकर्णी
केंद्रीय हिंदी निदेशालय,भारत सरकार के निदेशक प्रो.सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने कहा कि, साहित्य और सिनेमा दोनों हमारे वर्तमान जीवन के अविभाज्य अंग है। इन दोनों से मनुष्य जीवन और समाज जीवन अत्यंत प्रभावित हुआ है, प्राय: होता रहा है और आगे भी भविष्य में निरंतर होता रहेगा। इसलिए इसकी ओर हममें से कोई भी अनदेखी नहीं कर सकता। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते। मेरे सामने सवाल है कि साहित्य और सिनेमा इन दोनों में सबसे प्रभावी माध्यम कौन सा है?
पूर्व प्रधानमंत्री प्रेरणा समिति ने अभिनेता संजीव झा को किया सम्मानित
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री चन्द्रशेखर सिंह प्रेरणा समिति एवं अन्तर प्रान्तीय भोजपुरी समाज द्वारा राष्ट्रीय संत समागम नारी/छात्रा सम्मान समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन इस्कॉन मंदिर आडिटोरियम, जुहु, मुम्बई में किया गया। इसमें मशहूर भजन सम्राट कमलेश उपाध्याय (हरिपुरी), रामचंद्र पराजपति, इस्कॉन मंदिर के संत एवं टीवी जगत के मशहूर कलाकार मौजूद रहे।
केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के तत्वाधान में मुंबई में सिनेमा पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
संगोष्ठी के दौरान डा़ रामदास तोंडे की पुस्तक ʺसाहित्य और सिनेमाʺ का लोकार्पण
तेजी से बदलते युग में ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय पर विचार विमर्श के लिए वसई के संत गोन्सालो गार्सिया महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा एक से तीन फरवरी के दौरान तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया था।
यह आयोजन केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नई दिल्ली, उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में सिनेमा और साहित्य से जुडी देशभर की हस्तियों एवं शोधार्थीयों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी, सुप्रसिद्ध हिंदी कथाकार, कवि एवं फिल्मकार उदय प्रकाश, संगोष्ठी प्रभारी एवं केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. मोहम्मद नसीम, संत गोन्सालो गार्सिया महाविद्यालय के हिन्दी विभाग अध्यक्ष डॉ. रामदास तोंडे, प्राचार्य डॉ.सोमनाथ विभूते, फिल्म लेखक विनोद विप्लव, श्री.धीरज मेश्राम, डॉ.शीतला प्रसाद दुबे, देशभर से आए प्रमुख हिन्दी विद्वान डॉ. संदीप रणभीरकर, डॉ.आशुतोष कुमार मिश्र, श्री.हार्दिक भट्ट, डॉ. मोहसिन अली खान, डॉ. अपर्णा पाटील, प्रो.बिपुल कुमार, डॉ.मुन्ना पाण्डेय, डॉ.गंगाधर चाटे, डॉ.संतोष मोटवानी, डॉ. तब्बसुम खान, प्रो.दिलीप शाक्य,डॉ. सचिन गपाट,गजल गीतकार मनजीत सिंह कोहली, कवयित्री नीता श्रीवास्तव आदि विशेषज्ञों ने साहित्य और सिनेमा के विविध पक्षों पर अपने सारगर्भित विचार रखें।
भारतभर से आए प्रध्यापकों और शोधार्थियों ने अपने सौ से अधिक शोध आलेख प्रस्तुत किए। इस संगोष्ठी का उद्देश्य ‘साहित्य और सिनेमा’ के बीच के संबंधों की पडताल करना और उन दाेनों के प्रभाव को समझना था। इस संगोष्ठी ने साहित्य और सिनेमा के क्षेत्र में अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों‚ शोधकर्ताओं और विशषेज्ञों को एक मंच प्रदान किया, जिसपर इस क्षेत्र में हुए शोधों और विचारों काे साझा किया जा सका।साथ ही तेजी से बदलते दौर में साहित्य और सिनेमा की दशा-दिशा और चुनाैतियों पर भी विचार विमर्श किया गया।
इस संगोष्ठी में सोशल मीडिया के युग में साहित्य और सिनेमा, हिन्दी सिनेमा की विकासयात्रा और संभावनाएं‚ हिंदी की साहित्यिक कृतियों का फिल्म रूपांतरण‚ हिन्दी सिनेमा और क्षेत्रीय सिनेमा‚ हिंदी सिनेमा का कला एवं तकनीकी पक्ष और फिल्म समीक्षा, सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
संगोष्ठी का सूत्रसंचालन डॉ.लतिका पाटील ने किया और आभार डॉ.रामदास तोंडे ज्ञापित किया। संगोष्ठी की सफलता के लिए एनएसएस के स्वयंसेवक,हिंदी विभाग के छात्र और महाविद्यालय के प्रध्यापकों और कर्मचारियों ने कड़ा परिश्रम किया।