Dr. Monisha Kapoor Aesthetics Successfully Launches Revolutionary Sciton Moxi Laser, First of its Kind in All of Asia

New Delhi, 30th April 2023: Dr. Monisha Kapoor Aesthetics has introduced four cutting-edge devices that will revolutionise the industry. Patients will now have access to the most recent aesthetic procedures thanks to the Sciton Moxi, the Sciton BBL Hero, the Spectra Sylfirm X, and the Spectra Star Walker. 

The Sciton Moxi, the first of its kind in all of Asia, is the focal point of the launch event. The clinic's founder and renowned plastic surgeon, Dr. Monisha Kapoor, is thrilled to introduce her patients to this ground-breaking device, which provides thorough skin rejuvenation that addresses a variety of skin concerns. With state-of-the-art performances and cutting-edge technology on display, the launch event was set to be a thrilling affair.

The launch began with an introduction at 12:00 p.m., followed by a ribbon-cutting ceremony for the new machines. Guests were treated to a musical performance by renowned artists as well as an introduction to the machines. Of particular interest was the Sciton Moxi, the first of its kind in all of Asia.

The Sciton Moxi is a ground-breaking device that combines multiple treatments into a single device. It is intended to address a variety of skin issues, such as wrinkles, fine lines, and pigmentation problems. Patients can anticipate noticeable improvements in skin tone, texture, and overall appearance with this device. In order to test the effectiveness of the device, Dr. Monisha used it on herself first. Once she was satisfied with the results, she trained all of her staff members on how to use it.

The next act was a Kuchipudi dance by Dr. Monisha Kapoor's daughter, Anandita, who has studied under renowned Kuchipudi masters Radha and Raja Reddy, recipients of the Padma Shri and Padma Bhushan awards.

The launch event also included demonstration treatments and post-treatment discussions with the patients involved. There was also a media panel, with Dr. Monisha Kapoor conducting an interview alongside the guest patients.

Dr. Monisha Kapoor is eager to introduce these new devices at her clinic and provide patients with the most cutting-edge aesthetic procedures. “I am proud to be the first clinic to offer the revolutionary Sciton Moxi,” she said. She believes it will completely transform the Asian and Indian medical industries and be a major convenience for her patients. “This machine provides the very treatments a lot of my patients seek, but they would have to travel far away to get their treatment done. With the launch of the Moxi, my patients can now experience state-of-the-art treatment without having to travel too far off,” she added.

Infertility Affects 1 In 6 People Globally

- Vinod Kumar 

New Delhi: An estimated one in six people globally are affected by infertility, according to a new report from the World Health Organization published today.

The global health body noted that around 17.5 per cent of the adult population experience infertility, showing the urgent need to increase access to affordable, high-quality fertility care for those in need.

The new estimates show limited variation in the prevalence of infertility between regions. The rates are comparable for high-, middle- and low-income countries, indicating that this is a major health challenge globally.

Lifetime prevalence was 17.8 per cent in high-income countries and 16.5 per cent in low- and middle-income countries. WHO said.

"The report reveals an important truth: infertility does not discriminate," said Tedros Adhanom Ghebreyesus, Director-General at WHO.

"The sheer proportion of people affected show the need to widen access to fertility care and ensure this issue is no longer sidelined in health research and policy, so that safe, effective, and affordable ways to attain parenthood are available for those who seek it," Mr Ghebreyesus said in a statement.

Infertility is a disease of the male or female reproductive system, defined by the failure to achieve pregnancy after 12 months or more of regular unprotected sexual intercourse. It can cause significant distress, stigma, financial hardship, affecting people's mental and psychosocial well-being.

Despite the magnitude of the issue, solutions for the prevention, diagnosis and treatment of infertility - including assisted reproductive technology such as in vitro fertilization (IVF) - remain underfunded and inaccessible to many due to high costs, social stigma and limited availability, WHO said.

"Millions of people face catastrophic healthcare costs after seeking treatment for infertility, making this a major equity issue and all too often, a medical poverty trap for those affected," said Pascale Allotey, Director of Sexual and Reproductive Health and Research at WHO.

"Better policies and public financing can significantly improve access to treatment and protect poorer households from falling into poverty as a result," Pascale Allotey said.

While the new report shows convincing evidence of the high global prevalence of infertility, it highlights a persistent lack of data in many countries and some regions. The report calls for greater availability of national data on infertility disaggregated by age and by cause to help with quantifying infertility, as well as knowing who needs fertility care and how risks can be reduced.

पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने के लिए दुनिया के प्रमुख देश आगे आए

 – विनोद कुमार

भारत की एससीओ अध्‍यक्षता में आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में हाल में गुवाहाटी में राष्ट्रीय आरोग्य शिखर सम्मेलन के साथ-साथ बी2बी सम्मेलन तथा एक्सपो का आयोजन किया गया। इस आयोजन से पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्‍साहित करने के लिए 25 एससीओ देश सफलतापूर्वक एक साथ आए, ताकि वह आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें तथा एससीओ देशों के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

इस कार्यक्रम में म्‍यांमार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री महामहिम डॉ. थेट खिंग विन, मालदीव के स्वास्थ्य उपमंत्री महा‍महिम सफिया मोहम्मद सईद तथा आयुष राज्‍य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई सक्रिय रहें। वर्चुअल मोड़ में तकनीकी सत्रों में चीन, रूस और पाकिस्तान की भागीदारी सराहनीय रही। सम्मेलन तथा एक्सपो सह शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आयुष तथा पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया।

भारत को 2017 में एससीओ की पूर्ण सदस्यता मिली। 17 सितंबर 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में वर्ष 2023 के लिए एससीओ राष्‍ट्राध्‍यक्ष परिषद की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत पारंपरिक चिकित्सा पर नए एससीओ विशेषज्ञ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। इसी के अनुरूप, आयुष मंत्रालय ने भारत की एससीओ अध्‍यक्षता के दौरान पारंपरिक चिकित्सा पर अनेक पहल की हैं। इनमें पारंपरिक चिकित्‍सा के विशेषज्ञों तथा चिकित्‍सकों के वर्चुअल सम्‍मेलन का आयोजन, जिसमें पारंपरिक चिकित्‍सा पर प्रारूप विनियमों को विशेषज्ञ स्‍तर पर स्‍वीकृत किया गया तथा आगे अन्य संबंधित देश प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अधीन होंगे और अंतत: राष्‍ट्राध्‍यक्षों के शिखर सम्मेलन में अपनाया जाएगा। इस कारण गुवाहाटी एससीओ बी2बी सम्मेलन तथा एक्सपो का महत्‍व बढ़ गया है और यह सफलतापूर्वक गति पकड़ सकता है।

एससीओ बी2बी सम्मेलन से अलग आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद तथा पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर म्यांमार के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इसके लिए आयुष मंत्रालय और म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच 29 अगस्त 2016 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता ज्ञापन स्वत: 28 अगस्त, 2026 तक बढ़ गया है और मान्‍य है। भारतीय पक्ष का नेतृत्‍व पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। म्‍यांमार का नेतृत्‍व वहां के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री महामहिम डॉ. थेट खिंग विन ने किया।

इस सम्मेलन में कुल 214 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें से 83 प्रतिनिधि 16 एससीओ देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि थे और 131 भारतीय प्रतिनिधि थे। कार्यक्रम के दौरान कुल 30 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से 19 एससीओ देशों की थीं। भारत ने 11 प्रस्तुतियां दी, जिनमें आयुष मंत्रालय तथा उद्योग जगत की प्रस्तुतियां शामिल थीं। सम्मेलन के दौरान कुल 11 सत्र आयोजित किए गए। विभिन्न चर्चाओं/प्रस्तुतियों, व्यापार गतिविधियों तथा राष्‍ट्रीय आरोग्‍य सम्‍मेलन/एक्‍सपो के साथ-साथ चलने से सभी प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी महत्‍वपूर्ण उपलब्धि थी।

उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों तथा आयुष सेवा प्रदाताओं सहित 56 प्रदर्शकों ने गुवाहाटी में बी2बी एक्‍सपो में अपने उत्पादों, संस्थानों तथा अवसंरचनाओं का प्रदर्शन किया, जबकि 11 देशों के 60 खरीदारों ने गहरी दिलचस्पी दिखाई। सम्मेलन तथा एक्सपो के दौरान क्रेताओं और विक्रेताओं के बीच 125 से अधिक वन-टू-वन बैठकें हुईं। आयुर्वेद शिक्षा, पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों तथा आयुर्वेद और योग को मेडिकल वैल्‍यू ट्रेवल प्रदान करने के लिए अवसंरचना विकास के क्षेत्र में 13 एससीओ देशों द्वारा व्यापार हित की रुचि व्‍यक्‍त की गई। बी2बी बैठक में ताजिकिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, बहरीन, म्यांमार, श्रीलंका तथा भारत के प्रतिभागी थे।

बी2बी सम्मेलन का आयोजन "सुरक्षित" एससीओ की विषय के अनुरूप किया गया था, जहां 'एस' का अर्थ नागरिकों के लिए सुरक्षा, 'ई' का अर्थ आर्थिक विकास, 'सी' का अर्थ कनेक्टिविटी, 'यू' का अर्थ एकता, 'आर' का अर्थ संप्रभुता और प्रादेशिक एकता तथा 'ई' पर्यावरण संरक्षण है। इन विषयों को भारत में एससीओ कार्यक्रमों के दौरान निम्न तरीके से कवर किया गया था :

• एससीओ देशों ने पारंपरिक चिकित्सा, एससीओ देशों के अंदर पारंपरिक चिकित्सा के लिए व्यापार को आसान बनाने तथा पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने से संबंधित विषयों पर एक साथ विचार किया। एससीओ देशों के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा लक्ष्य प्राप्ति के लिए इन विषयों पर चर्चा की गई, जो एससीओ की सुरक्षा (स्वास्थ्य) विषय से संबंधित है।

• आर्थिक विकास के विषय को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम के दौरान 590 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष व्यापार हित के साथ 10 एलओआई प्राप्त हुए। इसी तरह अन्य एससीओ देशों के लिए भी अवसर उपलब्ध होंगे।

• पारंपरिक चिकित्सा के विकास के प्रमुख एजेंडे पर विचार के लिए 16 एससीओ देशों को एक छतरी के नीचे लाया गया और इसके सक्रिय प्रोत्‍साहन ने एससीओ के कनेक्टिविटी विषय को उजागर किया।

• एससीओ के सदस्‍य देशों के विशेषज्ञों के बीच एससीओ के अंतर्गत टीएम पर ईडब्ल्यूजी के विनियमों पर आम सहमति विकसित की गई थी जो एससीओ की एकता विषय से संबंधित है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल भारत की अध्‍यक्षता में एससीओ विचार-विमर्श तथा सहयोग प्रयासों में एक मुकुटमणि था, बल्कि इसने वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में एससीओ देशों के बीच विकास और तालमेल की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।


पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्‍साहित करने के लिए 25 देशों ने हाथ मिलाया

– विनोद कुमार

भारत की एससीओ अध्‍यक्षता में आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में हाल में गुवाहाटी में राष्ट्रीय आरोग्य शिखर सम्मेलन के साथ-साथ बी2बी सम्मेलन तथा एक्सपो का आयोजन किया गया। इस आयोजन से पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्‍साहित करने के लिए 25 एससीओ देश सफलतापूर्वक एक साथ आए, ताकि वह आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें तथा एससीओ देशों के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।

इस कार्यक्रम में म्‍यांमार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री महामहिम डॉ. थेट खिंग विन, मालदीव के स्वास्थ्य उपमंत्री महा‍महिम सफिया मोहम्मद सईद तथा आयुष राज्‍य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई सक्रिय रहें। वर्चुअल मोड़ में तकनीकी सत्रों में चीन, रूस और पाकिस्तान की भागीदारी सराहनीय रही। सम्मेलन तथा एक्सपो सह शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आयुष तथा पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया।

भारत को 2017 में एससीओ की पूर्ण सदस्यता मिली। 17 सितंबर 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में वर्ष 2023 के लिए एससीओ राष्‍ट्राध्‍यक्ष परिषद की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भारत पारंपरिक चिकित्सा पर नए एससीओ विशेषज्ञ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। इसी के अनुरूप, आयुष मंत्रालय ने भारत की एससीओ अध्‍यक्षता के दौरान पारंपरिक चिकित्सा पर अनेक पहल की हैं। इनमें पारंपरिक चिकित्‍सा के विशेषज्ञों तथा चिकित्‍सकों के वर्चुअल सम्‍मेलन का आयोजन, जिसमें पारंपरिक चिकित्‍सा पर प्रारूप विनियमों को विशेषज्ञ स्‍तर पर स्‍वीकृत किया गया तथा आगे अन्य संबंधित देश प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अधीन होंगे और अंतत: राष्‍ट्राध्‍यक्षों के शिखर सम्मेलन में अपनाया जाएगा। इस कारण गुवाहाटी एससीओ बी2बी सम्मेलन तथा एक्सपो का महत्‍व बढ़ गया है और यह सफलतापूर्वक गति पकड़ सकता है।

एससीओ बी2बी सम्मेलन से अलग आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद तथा पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर म्यांमार के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इसके लिए आयुष मंत्रालय और म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच 29 अगस्त 2016 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता ज्ञापन स्वत: 28 अगस्त, 2026 तक बढ़ गया है और मान्‍य है। भारतीय पक्ष का नेतृत्‍व पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। म्‍यांमार का नेतृत्‍व वहां के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री महामहिम डॉ. थेट खिंग विन ने किया।

इस सम्मेलन में कुल 214 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें से 83 प्रतिनिधि 16 एससीओ देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि थे और 131 भारतीय प्रतिनिधि थे। कार्यक्रम के दौरान कुल 30 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से 19 एससीओ देशों की थीं। भारत ने 11 प्रस्तुतियां दी, जिनमें आयुष मंत्रालय तथा उद्योग जगत की प्रस्तुतियां शामिल थीं। सम्मेलन के दौरान कुल 11 सत्र आयोजित किए गए। विभिन्न चर्चाओं/प्रस्तुतियों, व्यापार गतिविधियों तथा राष्‍ट्रीय आरोग्‍य सम्‍मेलन/एक्‍सपो के साथ-साथ चलने से सभी प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी महत्‍वपूर्ण उपलब्धि थी।

उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों तथा आयुष सेवा प्रदाताओं सहित 56 प्रदर्शकों ने गुवाहाटी में बी2बी एक्‍सपो में अपने उत्पादों, संस्थानों तथा अवसंरचनाओं का प्रदर्शन किया, जबकि 11 देशों के 60 खरीदारों ने गहरी दिलचस्पी दिखाई। सम्मेलन तथा एक्सपो के दौरान क्रेताओं और विक्रेताओं के बीच 125 से अधिक वन-टू-वन बैठकें हुईं। आयुर्वेद शिक्षा, पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों तथा आयुर्वेद और योग को मेडिकल वैल्‍यू ट्रेवल प्रदान करने के लिए अवसंरचना विकास के क्षेत्र में 13 एससीओ देशों द्वारा व्यापार हित की रुचि व्‍यक्‍त की गई। बी2बी बैठक में ताजिकिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, बहरीन, म्यांमार, श्रीलंका तथा भारत के प्रतिभागी थे।

बी2बी सम्मेलन का आयोजन "सुरक्षित" एससीओ की विषय के अनुरूप किया गया था, जहां 'एस' का अर्थ नागरिकों के लिए सुरक्षा, 'ई' का अर्थ आर्थिक विकास, 'सी' का अर्थ कनेक्टिविटी, 'यू' का अर्थ एकता, 'आर' का अर्थ संप्रभुता और प्रादेशिक एकता तथा 'ई' पर्यावरण संरक्षण है। इन विषयों को भारत में एससीओ कार्यक्रमों के दौरान निम्न तरीके से कवर किया गया था :

• एससीओ देशों ने पारंपरिक चिकित्सा, एससीओ देशों के अंदर पारंपरिक चिकित्सा के लिए व्यापार को आसान बनाने तथा पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने से संबंधित विषयों पर एक साथ विचार किया। एससीओ देशों के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा लक्ष्य प्राप्ति के लिए इन विषयों पर चर्चा की गई, जो एससीओ की सुरक्षा (स्वास्थ्य) विषय से संबंधित है।

• आर्थिक विकास के विषय को ध्यान में रखते हुए, कार्यक्रम के दौरान 590 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष व्यापार हित के साथ 10 एलओआई प्राप्त हुए। इसी तरह अन्य एससीओ देशों के लिए भी अवसर उपलब्ध होंगे।

• पारंपरिक चिकित्सा के विकास के प्रमुख एजेंडे पर विचार के लिए 16 एससीओ देशों को एक छतरी के नीचे लाया गया और इसके सक्रिय प्रोत्‍साहन ने एससीओ के कनेक्टिविटी विषय को उजागर किया।

• एससीओ के सदस्‍य देशों के विशेषज्ञों के बीच एससीओ के अंतर्गत टीएम पर ईडब्ल्यूजी के विनियमों पर आम सहमति विकसित की गई थी जो एससीओ की एकता विषय से संबंधित है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल भारत की अध्‍यक्षता में एससीओ विचार-विमर्श तथा सहयोग प्रयासों में एक मुकुटमणि था, बल्कि इसने वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में एससीओ देशों के बीच विकास और तालमेल की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।