शारदा युनिवर्सिटी ने मनाया ओरल हाइजीन डे 

नई दिल्ली, एक अगस्त, 2019: मुंह की नियमित सफाई कई बीमारियों की रोकथाम और संपूर्ण सेहत को दुरूस्त बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाती है। हालांकि, जागरूकता की कमी, उचित जानकारी का अभाव और लापरवाही भरा रवैये से अक्सर मुंह और दांत से जुड़े कई जटिल मुद्दे पैदा हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शारदा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के पीरियडोंटल विभाग ने आम लोगों को मुंह की साफ सफाई के महत्व के बारे में शिक्षित करने, प्रेरित करने और जानकारी देने के लिए 1 अगस्त को नेशनल ओरल हाइजीन डे से पहले एक विशेष शिविर का आयोजन किया। 25 जुलाई से शुरू होकर एक सप्ताह तक चले इस शिविर को इंडियन सोसाइटी ऑफ पीरियडोंटोलॉजी के संस्थापक डॉक्टर जी.बी. शानवलकर की जयंती मनाने के उददेश्य से भी आयोजित किया गया।


मुंह और दांतों की साफ सफाई से मुंह की दुर्गध रोकने, दांत गिरने और मुंह की दूसरी बीमारियां रोकने में मदद मिल सकती है और उम्र बढ़ने पर भी दांतों को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है। अस्वस्थ्य मुंह खासकर मसूडे की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के मामले में दिल का दौरा, अनियंत्रित मधुमेह जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इस विशेष ओरल हेल्थ कैंप के तहत करीब 600 मरीजों के मुंह की जांच की गई और मुंह की देखभाल के बारे में उन्हें सलाह दी गई एवं साथ ही दांत साफ करने की सही तकनीकी की भी जानकारी दी गईउन्हें निःशुल्क मुंह साफ करने के नमूने भी उपलब्ध कराए गए।


शारदा युनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज वर्ष 2020 तक सभी के लिए ओरल हेल्थ का मिशन लेकर चलने को प्रतिबद्ध है और इसने मुंह की देखभाल के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और नजरअंदाजी के रवैये पर अंकुश लगाने का लक्ष्य रखा है जोकि दांत की बीमारियों के लिए प्रमुख कारणों में से एक है। एक सप्ताह की अवधि के दौरान मरीज निःशुल्क स्केलिंग का लाभ उठाने और मसूडे की जांच की सभी प्रकियाओं पर 50 प्रतिशत छूट का लाभ उठाने के लिए शारदा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज पधारे


शारदा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डेंटल साइंस के डीन प्रोफेसर डॉक्टर एम. सिद्धार्थ ने कहा, “सभी के लिए अधिक से अधिक ओरल हेल्थकेयर के विभाग के विजन के साथ ओरल हाइजीन सप्ताह मनाया गया जिसमें मुंह की देखभाल का संपूर्ण स्वास्थ्य के साथ संबंध को समझकर संपूर्ण स्वास्थ्य को दुरूस्त रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया।"


उन्होंने कहा, “मुंह के अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ अच्छे दांत और खूबसूरत मुस्कान से कहीं अधिक हैयह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छे पोषण, उचित पाचन, भाषा विकास और आत्म सम्मान के लिए दांत महत्वपूर्ण हैं।”


जांच कार्यक्रमों के अलावा, विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से मुंह की अच्छी साफ सफाई बनाए रखने के महत्व के बारे में जानकारी दीलोगों को उत्साह बनाए रखने के लिए विजेताओं और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और ईनाम भी दिए गए।


एआईडब्ल्यूए ---AIWA --ने आधुनिक कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के साथ भारतीय बाज़ार में किया प्रवेश

नई दिल्ली, 1 अगस्त, 2019. एआईडब्ल्यूए ..AIWA . कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स एलएलपी बाज़ार में अपने आप को स्थापित कर चुकी है और ऑडियो-विजुअल एंटरटेनमेन्ट प्रोडक्ट्स को प्रोमोट कर रही है। आज AIWA की नई रेंज अनावरण किया गया, जिसके तहत कुछ अत्याधुनिक कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का लॉन्च किया गया हैकंपनी बेजोड़ फीचर्स से युक्त प्रीमियम स्मार्ट 4 के अल्ट्रा हाई डेफिनेशन एलईडी टीवी, स्मार्ट होम ऑडियो सिस्टम, वायरलैस हैडफोन और पर्सनल ऑडियो प्रोडक्ट्स की बिक्री शुरू करने जा है।


आज के बाजार में उत्पादों के विकास एवं तकनीकी उन्नति की तीव्र गति को देखते हुए AIWA ऐसे आधुनिक एवं अनूठे उत्पाद पेश करेगी जो अपनी अत्याधुनिक तकनीक के साथ बेहद सरल, किफायती उपयोगकर्ता के अनुकूल होंगे।


लॉन्च के अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर AIWA का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री जैफरी एलन गोल्डबर्ग कहा, "हमने भारत के गतिशील बाज़ार में अपार संभावनाओं को देखते हुए इस ब्राण्ड को यहां लॉन्च करने का फैसला लिया है। हालांकि बाजार में कई अन्य उत्पाद हैं, किंतु भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की क्षमता अपने आप में बेजोड़ है। इसके अलावा मुझे विश्वास है कि भारत इस नए ब्राण्ड को खूब पसंद करेगा।"


भारत के लिए अपनी रणनीति पर बात करते हुए श्रीमति मनमीत चौधरी, मैनेजिंग डायरेक्टर, AIWA भारत के लिए अपनी रणनीति पर बात करते हुए श्रीमति मनमीत चौधरी, मैनेजिंग डायरेक्टर, AIWA इण्डिया ने कहा, "हम भारतीय उपभोक्ताओं को विभिन्न कीमतों पर अत्याधुनिक फीचर्स से युक्त उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए अथक प्रयास करते हैं, जो विभिन्न भोगौलिक क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को पूरा कर सके। यह लॉन्च इसी दिशा में हमारा एक प्रयास है, जो सरल एवं किफायती तकनीकी उत्पादों के साथ उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने में कारगर साबित होगा। हम आने वाले सालों में भारत में रु 200 करोड़ का निवेश करेंगे।"


ट्रिवीट्रॉन और न्यूबर्ग ने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के उपक्रम 'सी-कैम्प' के साथ एमओयू पर दस्तखत किए

नई दिल्ली1 अगस्त2019: हेल्थकेयर इंडस्ट्री को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली प्रमुख चिकित्सा उपकरण कंपनी ट्रिवीट्रॉन और न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो भारत में सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सेवा है, और भारत में शीर्ष 4 नैदानिक सेवा प्रदाताओं में शुमार है, ने सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर प्लेटफॉर्म्स (सी-कैम्प),  जो भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग का उपक्रम है, के साथ एक मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओयू) पर दस्तखत करके रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है ।


ट्रिवीट्रॉन और सी-कैम्प के साथ ये साझेदारी "संयुक्त बौद्धिक संपदा" (यानी उत्पाद एवं प्रक्रिया पेटेंट तथा इसकी संपूर्ण जानकारी) के तत्वाधान में पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विश्व स्तरीय हेल्थकेयर तकनीकों के सहकारी विकास की दिशा में दोनों के लिए एक रणनीतिक कदम है।


एमओयू पर डॉ. रेणु स्वरूप, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC); डॉ. तस्लीमरीफ़ सैय्यद, सीईओ और निदेशक, सी-कैंप; डॉ. जीएसके वेलु, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड और डॉ. सुजय रामप्रसाद, मेडिकल डायरेक्टर, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।


सी-कैम्प ने एक स्वदेशी मल्टीप्लेक्स फ्लोरेसेंट माइक्रोफ्लुइडिक-एनालाइजर का विकास और परीक्षण किया है, जो दो पेटेंटों के अंतर्गत आता है- माइक्रोफ्लुइडिक्स फ्लो एनालाइजर के लिए एक बेस-पेटेंट, जिसे कई देशों में दर्ज और मंजूर किया गया है तथा मल्टीप्लेक्स फंक्शनलिटी को कवर करने वाला एक अन्य फॉलो-ऑन पेटेंट। सी-कैम्प अवधारणा का प्रमाण प्रदर्शित करेगा और क्लीनिकल निदान के लिए एक जैविक द्रव विश्लेषक का सह-विकास करने में भागीदार बनेगा। इस एमओयू के द्वारा ट्रिवीट्रॉन, जिसका वैश्विक स्तर पर इमेजिंग उपकरणों समेत नैदानिक उपकरण विकसित और स्थापित करने का इतिहास रहा है, से अपेक्षा की जा रही है कि वह इन सी-कैम्प विकसित प्रौद्योगिकियों की व्यावसायिक रूप से व्यापक बाजार तक पहुंच बनाने में मदद करेगा।


सी-कैम्प  : द सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर प्लेटफॉर्म्स (सी-कैम्प) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग का एक उपक्रम है,जिसे अत्याधुनिक जीवन विज्ञान और हेल्थकेयर अनुसंधान व नवाचार को सक्षम करने के लिए जनादेश प्राप्त है। यह देश के सबसे रोमांचक और अनूठे जीवन विज्ञान नवाचार हब में से एक है, जो एक ही मंच पर शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को प्रस्तुत कर रहा है। यह देश के कुछ सबसे पुराने बायो क्लस्टरों में से एक- बैंगलोर लाइफ साइंसेज क्लस्टर (बीएलआईएससी) का हिस्सा भी है, जिसमें नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) और इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल बायोलॉजी एंड रिजेनेरेटिव मेडिसिन (इनस्टेम) और सी-कैम्प शामिल हैं।


 ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर : 1997 से सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली एक चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर की यात्रा कई स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए प्रेरणा का एक आकर्षक धागा बुनती है। अनुसंधान और विकास में ठोस विशेषज्ञता रखते हुए ट्रिवीट्रॉन 180 देशों में असाधारण चिकित्सा प्रौद्योगिकी उत्पादों का निर्माण और वितरण करती है। 9यूएसएफडीए, सीई प्रमाणित विनिर्माण सुविधाओं के साथ ट्रिवीट्रॉन ने नवजात स्क्रीनिंग, इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स, इमेजिंग एवं रेडियोलॉजी, रेडिएशन प्रोटेक्शन, क्रिटिकल केयर और ऑपरेटिंग रूम सॉल्यूशंस के क्षेत्र में नवाचार का नेतृत्व करती है। इस प्रकार इसने एक समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में बड़ा नाम कमाया है।


न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स : भारत, यूएई और दक्षिण अफ्रीका की सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशालाएं ने विकासशील देशों की पहुंच के भीतर नवीनतम प्रौद्योगिकी और तकनीकों को लाने के लिए न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के बैनर तले एकजुट हुई हैं। अपनी संयुक्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, न्यूबर्ग गठबंधन 5000 से अधिक किस्मों की पैथोलॉजिकल जांच करने की क्षमता रखता है और डेटा विज्ञान और एआई टूल्स द्वारा सहायता प्राप्त सबसे उन्नत तकनीकों का उपयोग करके दुर्लभ बीमारियों के लिए रोकथाम और प्रारंभिक निदान, फोकस्ड वेलनेस प्रोग्राम और संरचित रोग प्रबंधन कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा। आज, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स भारतीय मूल की शीर्ष निदान कंपनियों और भारत में सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सेवा स्टार्ट-अप में से एक है। न्यूबर्ग कंसोर्टियम के संस्थापक सदस्य - आनंद डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (बैंगलोर), सुप्राटेक माइक्रोप्रैथ (अहमदाबाद), एह्रलिच लैबोरेटरी (चेन्नई),ग्लोबल लैब्स (दक्षिण अफ्रीका), और मिनर्वा डायग्नोस्टिक्स (दुबई) 200 से अधिक वर्षों की अपनी संयुक्त विरासत ला रहे हैं और सालाना 20 मिलियन से अधिक नमूने संसाधित कर रहे हैं। दुनिया भर के कुछ बेहतरीन पैथोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट, जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और कई अन्य क्लिनिकल लैब प्रोफेशनल्स बारीकी से काम कर रहे हैं, ज्ञान साझा कर रहे हैं और अगले स्तर पर सटीक और समय पर निदान के लिए डायग्नोस्टिक्स तकनीकों की नवीनतम पीढ़ी का उपयोग कर रहे हैं।


 एनएएएलएम : न्यूबर्ग आनंद एकेडमी ऑफ़ लेबोरेटरी मेडिसिन (एनएएएलएम) नैदानिक प्रयोगशाला चिकित्सा के आला क्षेत्रों में योग्य पेशेवरों के प्रशिक्षण का समर्थन और उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे के निर्माण; वैज्ञानिक अनुसंधान और चिकित्सक के बीच की खाई को कम करने के लिए अनुवादिक अनुसंधान पर ध्यान देने के साथ अनुसंधान परियोजनाओं की पहचान करने और शुरू करने; और आणविक परीक्षणों और जीनोमिक्स सहित नियमित और विशेष प्रयोगशाला परीक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने के लिए लागत प्रभावी प्रवीणता परीक्षण समाधान और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रयास करता है। बैंगलोर से आधारित, एनएएएलएम की प्रवीणता परीक्षण कार्यक्रम, न्यूरो-क्यूएपी की जनवरी 2019 में शुरुआत की गई थी और आज इसके पास हिस्टोपैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, विशेष रसायन विज्ञान, हेमाटोलॉजी और दूसरों के बीच सेरोलॉजी को कवर करने वाली योजनाओं के लिए लगभग 300 प्रयोगशालाओं की वर्तमान सदस्यता है। एनएएएलएम ने लैबोरेटरी मेडिसिन के डॉक्टरों के लिए पोस्ट-डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के साथ-साथ विश्व लैब प्रोफेशनल्स सप्ताह 2019 के अवसर पर तकनीकीविदों  के लिए पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए हैं।