नई दिल्ली। योजना, प्रतिबद्धता, सोच, समाज की भागीदारी और अतीत के अनुभव से हमें देश में 2021 तक लिम्फेटिक फिलेरियेसिस के उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी" केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने लिम्फेटिक फिलेरियेसिस हाथीपांव के उन्मूलन के लिए मिलकर काम करने के विषय पर आयोजित राष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा।
इस अवसर पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह वर्ष भारत में स्वास्थ्य के लिए उल्लेखनीय रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में इस वर्ष में हमने देखा कि किस तरह साहसपूर्ण वचनबद्धताओं के साथ-साथ सकारात्मक कार्रवाई से वांछित परिणाम मिलने लगे हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा, मैं आपका ध्यान उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोगों (एनटीडी) की ओर आकर्षित करना चाहता हूं जो दुर्बल संक्रामक रोगों का समूह है और इनका दुष्प्रभाव विश्व में 1 अरब 50 करोड़ लोगों पर पड़ता है और इस कारण गरीब लोग अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त नहीं कर सकते। दो उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोगों लिम्फेटिक फिलेरियेसिस हाथीपांव और विस्केरल लीश्मेनियेसिस-कालाजार हैं जिनका भारत उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि अत्यंत जोखिम वाले बच्चों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।"
डॉ. हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी भागीदारों और पक्षों को एनटीडी बीमारियों पर काबू पाने के लिए सक्रिय रूप से सभी क्षेत्रों के साथ सहयोग कर सच्ची सहयोग कर सच्ची भागीदारी की भावना से काम करना होगा।