वजन घटाने वाले आहार से मस्तिक घात का खतरा कम

वजन घटाने वाले पौष्टिक आहार का लंबे समय तक सेवन करने से कैराटिड (मस्तिष्क की मुख्य धमनी) के कड़ापन (एथेरोस्क्लेरोसिस) का खतरा आश्चर्यजनक रूप से कम हो जाता है। कैरोटिड एथेरोस्क्लेरोसिस मस्तिश्क के स्ट्रोक और दिल के दौरे की एक मुख्य वजह है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो उम्र के साथ-साथ बढ़ती है।
बेन गुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ द नेगेव (बीजीयू) के डा. इरिस शाई के नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन इस कारण महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक वजन वाले और मोटे लोगों में ऐसे आहार के सेवन से उनमें एथेरोस्क्लेरोसिस की बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की प्रमुख जर्नल ''सरकुलेशन'' में प्रकाशित इस अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि आहार एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया को किस प्रकार उल्टा करती है, अध्ययन के शुरुआत में और फिर दो साल के बाद कैरोटिड धमनी की नलिकाओं में प्लेक की मोटाई में आने वाले परिवर्तन को मापा। उन्होंने पाया कि वजन कम करने वाले पौष्टिक आहार के दो साल तक सेवन से कैरोटिड नलिकाओं की दीवार के आयतन में पांच प्रतिशत की कमी आयी और कैरोटिड धमनी की मोटाई में करीब एक प्रतिशत की कमी आयी। 
नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के इपिडेमियोलॉजी विभाग में एस. डेनियल अब्राहम इंटरनेशनल सेंटर फॉर हेल्थ एंड न्यूट्रिशन के अनुसंधानकर्ता डा. इरिस शाई के अनुसार यह आहार वैसे लोगों पर अधिक प्रभावी साबित हुई जिनका वजन साढे पांच किलो से अधिक कम हुआ और रक्त चाप 7 एमएमएचजी से अधिक कम हुआ। इस आहार के सेवन से लिपोप्रोटीन के स्तर में परिवर्तन आने से रक्त चाप में भी कमी आती है। लिपोप्रोटीन कोरोनरी आर्टरीज के लिए  अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। 
न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर के मेडिकल क्लिनिक के निदेशक डा. डैन स्वार्जफुक्स के अनुसार ''कम वसा, कम कार्बोहाइड्रेट और मेडिटेरेनियन आहार कैरोटिड एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया में कमी लाते हैं।''