बुजुर्ग लोगों और हृदय रोगियों को ठंड में पर्याप्त एहतियात बरतना चाहिए
सुबह की सैर पारंपरिक रूप से बहुत ही स्वस्थ दैनिक व्यायाम माना जाता है क्योंकि यह आपके फेफड़ों को ताजी हवा देकर और आपकी मांसपेशियों को स्वस्थ रूप से सक्रिय कर आपके दिन की सही शुरुआत कर सकता है। हालांकि, कुछ निश्चित परिस्थितियों में, सुबह की सैर करने से फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है।
सर्दियों के षुरू होते ही, मौसम का अंदाजा लगाना और रोजाना सुबह की सैर के लिए बाहर निकलने से पहले व्यायाम के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। हृदय रोगियों, दमा रोगियों और सभी बुजुर्ग लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो अत्यधिक ठंड और सर्दियों की धुंध के संपर्क में आने पर बीमार हो सकते हैं।
सुबह की सैर एक बहुत ही स्वास्थ्यकारी अभ्यास है। वास्तव में, सुबह-सुबह सैर करने के कार्यक्रम का सख्ती से पालन करने वाले कभी भी सुबह घर में नहीं रहते, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि बाहर कितनी ठंड पड़ रही है। हालांकि षहरों में पर्यावरण की हालत को देखते हुए आपको कुछ सावधानी बरतनी चाहिए और सुबह में सैर के आपके रोजमर्रे के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव लाना चाहिए। सुबह के समय सर्दियों में स्मोग बहुत ही घना होता है। सुबह के समय कोहरा गाडियों से निकलने वाले धुंये से मिलकर स्मोग की जहरीली परत बनाता है और जो हमारे सांस के जरिए षरीर के अंदर जाता है। बाहर के वातावरण में पीएम 2.5 कणों के साथ - साथ हानिकारक प्रदूशकों की सघनता सुबह के समय सबसे अधिक होती है। ऐसी स्थिति में घर से बाहर सैर करने से लाभ की तुलना में हानि ज्यादा होती है।
सर्दियों में वायु में विषाक्तता की बढ़ोतरी के अलावा हवा में ठंडक सबसे अधिक होती है और हवा में तैरते खतरनाक कणों से युक्त ठंडी हवा को सांस के जरिए षरीर के अंदर लेने से आपकी श्वसन प्रणाली में गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है, खास तौर पर उन रोगियों में जो पहले से ही दमा या ब्रोन्कियल एलर्जी से पीड़ित हैं।''
हृदय रोगियों के लिए, सर्दियों के मौसम को अनुकूल नहीं माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बहुत अधिक सर्द मौसम हृदय पर बहुत अधिक दवाब डालता है। क्लिनिकल सबूतों से पता चलता है कि सर्दियों में दिल के दौरे के मामले बढ़ जाते हैं। इसलिए दिल के मरीजों के लिए सुझाव है कि वे सर्दियों में सुबह-सुबह घर से बाहर निकलने से परहेज करें क्योंकि अत्यधिक ठंड आपके हृदय पर अधिक जोर डालते हैं जबकि आपका हृदय पर पहले से ही दवाब है और वह काफी कमजोर हो चुका है। अतिरिक्त षारीरिक दवाब कार्डियोवैस्कुलर रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं।
हालांकि, इस सब का मतलब यह नहीं है कि सर्दियों के निष्क्रिय महीनों के दौरान आप रोजमर्रे के व्यायाम को छोड़ दें। अगर आप कम से कम 30 मिनट तक भारी व्यायाम करतें हैं तो मधुमेह, हृदय रोग और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर जैसे जीवन षैली से जुड़े रोगों से बचाव हो सकता है। व्यायाम के दौरान कुछ सावधानियां रखनी चाहिए जो निम्नलिखित हैं:
आप देर से सैर पर जाएं - अगर सुबह बहुत ठंड है तो बेहतर यह है कि आप थोड़ी देर से बाहर निकलें ताकि बाहर की हवा में ठंडक कम हो जाए। सुबह की सैर जरूरी है लेकिन आप इसे सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक कर सकते हैं। आप रोजाना की सैर के लिए घर से बाहर निकलने के पहले सूर्य के निकलने का इंतजार कर सकते हैं।
यह देखें कि बाहर स्मोग है या नहीं: अगर आकाष में काफी स्मोग है तो सैर के लिए घर से बाहर जाने के बजाए घर में ही रहकर व्यायाम करें। आप सुबह की सैर के बदले घर में ही एरोबिक व्यायाम या कोई कार्डियो व्यायाम कर सकते हैं।
मास्क पहनें: अगर आप स्वस्थ व्यक्ति हैं तो आप सैर के लिए बाहर निकलते वक्त नाक को ढकने वाले मास्क लगा लें ताकि आप सांस के जरिए विषाक्त हवा ग्रहण नहीं कर सकें। अगर आपको दमा या ब्रोन्कियल एलर्जी है या आप दिल के मरीज है तो आपके लिए सलाह यह है कि मास्क लगाकर भी बाहर निकलना ठीक नहीं है।
अपने आप को सुरक्षित रखें : आप सर्दियों के मौसम में कई तह वाले गर्म कपड़े पहनें ताकि आप बहुत अधिक ठंड के अचानक संपर्क में आने से या हाइपोथर्मिया से बच सकें। यह सुनिष्चित करें कि आपका शरीर - नाक तक अच्छी तरह ढका हो ताकि ठंडी हवा को आपके फेफड़े में जाने से रोका जा सके।
घर से बाहर निकलने से पहले अपने को तैयार कर लें: ठंड के समय आपके हृदय, मांसपेषियों एवं शरीर को अपने-आप को गर्म करने के लिए कुछ अधिक समय की जरूरत होती है। आपके लिए सुझाव यह है कि घर से बाहर निकलने के पहले आप घर के भीतर ही कुछ एरोबिक व्यायाम कर लें।
सैर के लिए सुरक्षित मार्ग चुनें: आप अपने मोहल्ले में ही सैर करें या वैसी जगह पर सैर करें जहां वाहनों की आवाजाही नहीं होती हो या जहां पर वाहनों के प्रदूषण का स्तर कम हो। बड़े आकार वाले पार्कों या गार्डन में जाने से परहेज करें, क्योंकि वहां ठंडी हवा का बहाव अधिक होता है।
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