रेत से पानी को छानने की परंपरा सदियों पुरानी है लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी इस पर मुहर लगा दी है। वैज्ञानिकों ने साधारण रेत से पानी को फिल्टर करने का तरीका विकसित किया है। इस रेत का इस्तेमाल दुनिया भर में पीने के पानी को षुद्ध करने के लिये किया जाएगा। इस ''सुपर रेत'' में सामान्य रेत की तुलना में पानी को फिल्टर करने की पांच गुना अधिक क्षमता होती है। इस नये पदार्थ से विकासषील देषों में कम खर्च में ही पानी को षुद्ध किया जा सकेगा जहां एक अरब से अधिक लोगों को पीने के लिए षुद्ध पानी नहीं मिल पाता है।
मैनक मजुमदार और उनके सहयोगियों को जब यह पता लगा कि पानी को षुद्ध करने के लिए 6 हजार से भी अधिक वर्शों से रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा रेत और रेत से छने पानी को विष्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान्यता दी है, तो उन्होंने रेत से पानी को वैज्ञानिक तरीके से षुद्ध करने के तरीकों पर षोध करना षुरू किया। ग्रैफाइट ऑक्साइड (जी ओ) नामक नैनो पदार्थ पर किये गए इस अध्ययन में कहा गया है कि इसे रेत के द्वारा पानी के षुद्धीकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और कम लागत में ही रेत से पानी को षुद्ध करने के तरीके का इजाद किया जा सकता है।
अनुसंधानकर्ताओं ने रेत के कणों पर ग्रैफाइट से कोटिंग के लिए एक सरल विधि का इस्तेमाल कर ''सुपर रेत'' का इजाद किया और इससे पारा और डाई अणु को पानी से सफलतापूर्वक निकाल दिया। वैज्ञानिकों ने पाया कि पारा के परीक्षण में, साधारण रेत 10 मिनट के फिटरेषन पर संतृप्त हुआ जबकि सुपर रेत 50 मिनट से अधिक समय में भारी धातुओं को अवषोशित कर पाया। इसके फिल्टरेषन की क्षमता व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कुछ सक्रिय कार्बन के बराबर पायी गयी। वे अब ऐसे ग्रैफाइट ऑक्साइड कणों को बनाने की रणनीति पर विचार कर रहे हैं जिसमें संदूशकों को प्रभावी ढंग से हटाने की क्षमता हो।
इस अध्ययन को एसीएस की सुप्रसिद्ध जर्नल अप्लायड मैटैरियल्स एंड इंटरफेस में प्रकाषित किया गया है।