बच्चों में मोटापे, व्यायाम से बचने की प्रवृति तथा धूम्रपान की समस्या बढ़ रही है और हाल के अध्ययन बताते हैं कि इन कारणों से बच्चों में सिरदर्द की षिकायत बढ़ रही है।
एक नये अध्ययन में पाया गया है कि जो बच्चे अधिक वजन के होते हैं, कम व्यायाम करते हैं और धूम्रपान करते हैं उन्हें अन्य बच्चों की तुलना में तीन से चार गुना सिरदर्द होने की आषंका होती है।
नार्वे में किये गये अध्ययन के अनुसार जिन बच्चों में मोटापे, व्यायाम नहीं करने तथा धूम्रपान की तीनों नाकारात्मक आदतें या प्रवृतियां होती हैं उनमें से आधे से अधिक 55 प्रतिषत बच्चों में अक्सर सिरदर्द की समस्या होती है। जिन बच्चों में इन तीन में से दो नाकारात्मक आदतें होती हैं उन्हें 1.8 गुना सिरदर्द होने की संभावना होती है। मोटे बच्चों को सामान्य बच्चों की तुलना में सिरदर्द होना की संभावना 40 प्रतिषत अधिक होती है।
फास्ट फूड के बढ़ते चलने, कम्प्यूटर तथा टेलीविजन के सामने अधिक समय तक समय बीताने तथा व्यायाम नहीं करने के कारण बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) तथा नेषनल डायबेटिक्स, आबेसिटी एंड कालेस्टेरॉल डिसआर्डर्स (एनडीओसीडीएफ) की ओर से दिल्ली में किये गये एक अध्ययन से पता चला है स्कूल-कॉलेज जाने वाले किषोर जरूरत से चार गुना अधिक वसा का सेवन कर रहे हैं। उनके खाने में बर्गर, पैटीज, पैस्ट्रिज, समोसा, छोले-भटूरे, कोक-पेप्सी, नमकीन एवं स्नैक्स की मात्रा बढ रही है जिसके कारण उनमें मोटापा बढ़ रहा है।
सुप्रसिद्ध न्यूरो विषेशज्ञ तथा नयी दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिश्ठ न्यूरो सर्जन डा. राजेन्द्र प्रसाद बताते हैं कि विभिन्न कारणों से बच्चों में सिरदर्द की समस्या बढ़ रही है। कई बार बच्चों में सिरदर्द का कारण दिमागी रसौली(ट्यूमर) भी हो सकती है। यह देखा गया है कि माता-पिता बच्चों
के सिरदर्द को मामूली बीमारी समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। कई बार बच्चा जब सिरदर्द की शिकायत करता है तब मां-बाप यह मान बैठते हैं वह पढ़ाई अथवा स्कूल जाने से बचने का बहाना कर रहा है। हालांकि बच्चे का सिरदर्द अक्सर सामान्य कारणों से होता है लेकिन इसके बावजूद इसे मामूली नहीं समझना चाहिये क्योंकि यह दिमागी रसौली का भी संकेत हो सकता है।
डा. प्रसाद बताते हैं कि हालांकि बच्चों में सिर दर्द आम तौर पर आंखों में कमजोरी, साइनस एवं सर्दी-जुकाम जैसे कारणों से अधिक होते हैं जबकि बड़े लोगों में सिर दर्द का सामान्य कारण तनाव होता है जो बच्चों में आम तौर पर नहीं पाया जाता है। लेकिन बच्चों के साथ-साथ बड़े लोगों में सिर दर्द कई बार इन मामूली कारणों के अतिक्ति मस्तिष्क की रसौली अर्थात् ब्रेन ट्यूमर, हाइड्रोसेफलस एवं मेनिनजाइटिस जैसे गंभीर कारणों से भी होता है। इसलिये सिर दर्द को हमेशा गंभीरता से लेना चाहिये। ट्यूमर की आरंभिक अवस्था में तो केवल सिर दर्द होता है लेकिन ट्यूमर जब बड़ा होकर आंखों से जुड़े स्नायु तंत्र को दबाने लगता है तब नेत्र की रोशनी घटने लगती है और बच्चा अंधा भी हो सकता है।