संभव है क्षतिग्रस्त हृदय मांसपेशियों का पुनर्निर्माण

वैज्ञानिकों की एक टीम ने काफी समय से कायम धारणा को चुनौती देते हुये निष्कर्ष निकाला है कि दिल के दौरे के बाद हृदय की मांसपेशियों का पुनर्निर्माण होता है। इस निष्कर्ष से दिल के दौरे को रोकने तथा दिल के दौरे के बाद क्षतिग्रस्त हृदय को पुनर्जीवन देने के तरीके के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। 
न्यू इंगलैंड जर्नल आफ मेडिसीन में हाल में प्रकाशित एक महत्वपूर्ण अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार न्यूयार्क स्थित न्यूयार्क मेडिकल काॅलेज के वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान से पाया कि हृदय के दो भागों में हृदय मांसपेशियां बड़े पैमाने पर अपनी प्रतिलिपियां बनाती हैं। 
इस काॅलेज के कार्डियोवैस्कुलर रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक तथा मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर डा. पियरो एंवर्सा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने 13 हृदय रोगियों में मायोसाइट नामक हृदय कोशिकाओं पर शोध करके यह निष्कर्ष निकाला। इन 13 मरीजों को चार से बारह दिन पूर्व ही दिल का दौरा पड़ा था। इन वैज्ञानिकों ने उन 10 मरीजों की मायोसाइट कोशिकाओं पर भी शोध किया जो हृदय रोग से ग्रस्त नहीं थे। इस अनुसंधान के लिये दिल के दौरे के स्थल के पास से तथा क्षतिग्रस्त ऊतक से काफी दूर के भाग से कोशिकाओं के नमूने लिये गये। 
हृदय के इन भागों का अत्यंत उच्च क्षमता के माइक्रोस्कोप से अवलोकन करके इन वैज्ञानिकों को के आई 67 नामक प्रोटीन की उपस्थिति का पता चला। यह प्रोटीन विभाजित होने वाली हृदय की कोशिकाओं के केन्द्र में मौजूद होती है और कोशिका के जीवन चक्र के सभी चरणों में उत्सर्जित होती है। इस प्रोटीन की उपस्थिति कोशिका विभाजन का सबसे प्रबल संकेत मानी जाती है। 
इन वैज्ञानिकों ने मायोटोटिक विभाजन के भी चित्र प्राप्त किये। इन चित्रों के आधार पर वैज्ञानिकों ने मायोसाइट कोशिकाओं के पुनर्निर्माण का एक और सबूत हासिल किया। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर दिल के दौरे के बाद हृदय की मांसपेशियों के पुनर्निर्माण तथा उसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी मिल जाये तो दिल के दौरे को रोकने के अलावा क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के पुनर्निर्माण को तेज किया जा सकता है। अभी तक यह माना जाता है कि दिल के दौरे अथवा अन्य कारणों से जब हृदय को नुकसान पहुंचता है तो यह नुकसान स्थायी होता है और किसी भी तरीके से हृदय की मृत अथवा क्षतिग्रस्त कोशिकाओं का पुनर्निर्माण नहीं हो सकता है।