पुरुषों में आनुवांशिक है दिल का दौरा

अगर आप पुरुष हैं और आपके माता-पिता में से किसी की या दोनों की दिल के दौरे से असामयिक मौत हो गयी हो तो आप सावधान हो जाइये। अनुसंधानों से पता चला है कि जिस पुरुष के माता-पिता की हृदय के दौरे के कारण अचानक मृत्यु हो जाती है उनके भी इसी तरह से मरने की आशंका अन्य पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है। यही नहीं जिस पुरुष के माता और पिता दोनों की हृदय के दौरे के कारण अचानक मृत्यु होती है उनके भी इसी तरह से मरने की आशंका अन्य पुरुषों की तुलना में नौ गुनी अधिक होती है।
हार्ट एसोसिएशन की सर्कुलेशन नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में डा. जेवियर जौवेन ने कहा है कि अगर किसी परिवार में हृदय के दौरे के कारण किसी की मृत्यु हो जाये तब एहतियात एवं पूर्व चिकित्सा की मदद से परिवार के अन्य सदस्यों को खतरे से बचाया जा सकता है।
इस समय हर साल चार लाख 81 हजार से अधिक लोगों को हृदय के दौरे पड़ते हैं जिनमें से करीब ढाई लाख लोगों की मृत्यु अचानक हृदय के दौरे के लक्षण उभरने के एक घंटे के अंदर ही हो जाती है। ऐसे लोगों में हृदय अचानक काम करना बंद कर देता है चाहे उनमें हृदय की बीमारियों की पूर्व पहचान हुई हो या नहीं। सामान्य तौर पर हृदय के दौरे तब पड़ते हैं जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है।
डा. जेवियर जौवेन का कहना है कि फिजिशियन आम तौर पर रोगी से यह पता करते हैं कि उनके परिवार में किसी को हृदय का दौरा पड़ा था या नहीं, लेकिन अब उन्हें रोगी से यह पता करना चाहिए कि उनके माता-पिता को दिल के दौरे के कारण अचानक मृत्यु तो नहीं हुई थी।
अनुसंधानकर्ताओं ने यह अध्ययन पेरिस में अधेड़ अवस्था के सात हजार 79 पुरुषों पर औसतन 23 साल तक किया। इनमें से 118 पुरुषों की मृत्यु हृदय के दौरे के कारण अचानक हुई और मरने वालों में 22 पुरुष (18.6 प्रतिशत) वैसे थे जिनके माता या पिता की मृत्यु भी इसी तरीके से हुई थी।