हममें से अधिकतर लोगों को अपने जीवन में कभी न कभी विषेशकर 50 साल की उम्र के बाद जोड़ों की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। ये समस्याएं आर्थराइटिस, दुर्घटना और किसी अन्य कारण से हो सकती हैं। जोड़ों की समस्याएं तेजी से बढ़ती हैं और इनसे जोड़ों को काफी क्षति हो सकती है और इस क्षति को ठीक नहीं किया जा सकता है। जब ये स्थितियां कुल्हे के जोड़़ को प्रभावित करती हैं, तो लोगों को दवा लेने के बावजूद लगातार दर्द होता रहता है, उन्हें सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में कठिनाई होती है और यहां तक कि लंबे समय तक बैठने में भी परेषानी होती है। इन चिकित्सकीय स्थितियों के अलावा, वयस्क लोगों में फ्रैक्चर जैसी कुछ अन्य स्थितियों में भी कुल्हे के जोड़ प्रभावित हो सकते हैं। कुल्हे के जोड़ षरीर के भार को वहन करते हैं, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की खराबी होने पर इसके कार्य करने की क्षमता प्रभावित होमी है और व्यक्ति के चलने-फिरने पर इसका सीधा असर होता है। ऐसी स्थितियों से निजात दिलाने के लिए टोटल हिप रिप्लेसमेंट एक क्रांतिकारी चिकित्सा के रूप में सामने आयी है। टोटल हिप रिप्लेसमेंट से कई लोगों को वापस अपने पैरों पर खड़े होने और चलने-फिरने में मदद मिली है।
70 वर्षीय राम प्रसाद जब दो सीढ़ी उपर से फिसल गिर गये तो उनका कुल्हा टूट गया। उन्हें स्थित नोवा आर्थोपेडिक एंड स्पाइन हॉस्पीटल लाया गया। विशेषज्ञ ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ने उनके मामले का परीक्षण किया और उनकी चलने - फिरंने की क्षमता को बनाये रखने के लिए और उन्हें दर्द से राहत दिलाने के लिए हिप रिव्लेसमेंट सर्जरी कराने की सलाह दी। राम प्रसाद और उनके परिवार में इस सर्जरी को लेकर संदेह को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें समझाया कि यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है जो शल्य चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई प्रगति के कारण और अधिक सरल और सटीक हो गयी है। उन्हें कुल्हे की जोड़ के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाना होगा और उनकी जगह कृत्रिम अंग (प्रोस्थेटिक्स) का प्रत्यारोपण करना होगा। ये इम्प्लांट न सिर्फ क्षतिग्रस्त हिस्सों की जगह लेते हैं बल्कि जोड़ों की सक्रियता को भी बनाये रखने में मदद करते हैं। इस सर्जरी से जोड़ के आसपास के किसी भी कटे-फटे लिगामेंट की भी मरम्मत की जाती है जिससे इम्प्लांट को सहारा देने में मदद मिलती है सामान्य मूवमेंट को बनाये रखने में मदद मिलती है। इस सर्जरी के फायदे को समझने के बाद, राम प्रसाद ने सर्जरी कराने का निर्णय लिया। सर्जरी के बाद कुछ महीनों तक नियमित रूप से फिजियोथेरेपी और व्यायामक करने के बाद, अब वे बिना किसी सहारे के चलने लगे हैं।
नोवा आर्थोपेडिक एंड स्पाइन हॉस्पिटल के वरिश्ठ ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, डॉ राकेश मट्टू ने बताया कि टोटल हिप रिप्लेसमेंट कुल्हे की जोड़ में आर्थराइटिस या चोट के कारण चलने-फिरने में असमर्थ और चलने की उम्मीद खो चुके लोगों को वापस चलने -फिरने में समर्थ बनाता है। षल्य चिकित्सा तकनीकों में होने वाले प्रगति के कारण, अब यह प्रक्रिया सरल और सुरक्षित हो गयी है और इसके अधिक अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं।
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी लंबे समय से होने वाले दर्द से राहत पाने और जीवन में गतिशीलता को बनाये रखने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। नोवा आर्थोपेडिक एंड स्पाइन हॉस्पिटल में इसकी सारी सुविधाएं उपलब्ध है और यह उन्नत प्रौद्योगिकी और नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए बेहतर आर्थोपेडिक देखभाल और उपचार प्रदान करता है। यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विश्व स्तर की सुविधा उपलब्ध है और यह हड्डी रोग की पहचान और उपचार में नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करता है। नोवा के विशेषज्ञ सर्जन कौषल में विषेशज्ञ है जिससे उन्हें कृत्रिम अंग (प्रोस्थेसिस) को सही जगह पर स्थापित कर हिप रिप्लेसमेंट करने में मदद मिलती है। रोगी की चलने-फिरने की प्राकृतिक प्रक्रिया को बहाल रखने के लिए रोगी की षारीरिक संरचना के अनुसार ही प्रतिस्थापित किये जाने वाले जोड़ की प्रतिकृति बनायी जाती है।
प्रौद्योगिकी एवं विषेशज्ञता से ‘‘टोटल हिप रिप्लेसमेंट’’ बना अधिक प्रभावी
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
कॉस्मेटिक उपचार के बारे में मन में अक्सर कई विरोधाभाश और सवाल उठते रहते हैं लेकिन अब इनके जवाब अनुत्तरित रह नहीं रह गये हैं। यहां यह उल्लेख ...
-
– विनाेद कुमार संगोष्ठी के दौरान डा़ रामदास तोंडे की पुस्तक ʺसाहित्य और सिनेमाʺ का लोकार्पण तेजी से बदलते युग में ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय प...
-
चालीस-पचास साल की उम्र जीवन के ढलान की शुरूआत अवश्य है लेकिन इस उम्र में अपने जीवन के सर्वोच्च मुकाम पर पहुंचा व्यक्ति पार्किंसन जैसे स्नायु...
Featured Post
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance Shri Basavaraj Bommai, Member of Parliament, Lok Sabha and Former Chief Min...
Blog Archive
Labels
addiction
ayurveda
ayush
traditional medicine
Beauty & Fitness
black fungus
bollywood
breat cancer
central government
Chandrayaan-3
children
CII
cinama
literature
corona
cosmetic laxe
covid
covid positiv mother
diabetes
diet
divyang
DNA vaccine
eye care
eye donation
food
food & nutrition
gov
health
Health centre
health and food
Health Articles
health family welfare
Health News
health news
corona
health problems
healthy food
healthy heart
Heart Care
heart diseases
covid-19
Heart Problems
immunisation
pandemic
infertility
joshimath
Lifestyle
mental health
monkey pox
National News
nutrition
child health
obesity
obesity in children
obesity and mental health
proteins
roda safety
soy food industry
soya
UHI
vaccination
vaccine
WHO
Women's Health
yoga