कुछ समय पहले तक प्लास्टिक सर्जरी जटिल प्रक्रिया मानी जाती थी लेकिन अब प्लास्टिक सर्जरी में तेजी से विकसित की जा रही नयी तकनीकों के कारण यह सर्जरी सरल हो गई है, इसके परिणामों के बारे में पहले से अंदाजा लगाया जा सकता है और अब इसके बेहतर परिणाम हासिल हो रहे हैं। इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब दुनिया भर के मरीज़ आसानी से किसी सर्जन से किसी विशेष प्रक्रिया के बारे में परिणाम और राय जान सकते हैं और इससे उन्हें दुनिया के अन्य हिस्सों से सर्जन का चयन करने में मदद मिल सकती है।
हाल के कुछ अध्ययनों के अनुसार, दुनिया भर में किए जाने वाले कॉस्मेटिक शल्य चिकित्सा और गैर शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन लोकप्रिय प्रक्रियाओं में ब्रेस्ट आगमेंटेषन, अत्यधिक लोकप्रिय बोटॉक्स, टिश्यू फिलर्स, लेजर स्किन रिसर्फेसिंग, लाइपोसक्षन और राइनोप्लास्टी शामिल हैं। आइए कुछ नयी प्रवत्तियों पर एक नज़र डालें:
ब्रेस्ट इनहांसमेंट:
कुछ समय पहले तक बड़े स्तनों (इंप्लांट का इस्तेमाल करके) का चलन था, लेकिन 2019 में षरीर के अनुपात में स्तनों को रखने का चलन होगा और इसके लिए ब्रेस्ट आॅगमेंटेषन का सहारा लिया जाएगा। ब्रेस्ट आॅगमेंटेषन में शरीर के आकार के अनुरूप स्तनों को बेहतर आकार दिया जाता है। स्तनों के आकार को छोटा करने के लिए हाल ही में विकसित लेजर ब्रा लिफ्ट एक क्रांतिकारी तकनीक है। इसमें स्केलपेल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है जिसके कारण दर्द भी नहीं होता है। इस सर्जरी में स्तनों की लोच और कोमलता को बेहतर बनाकर एस्थेटिक लुक देने के लिए सीओ 2 लेजर का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया 'आंतरिक ब्रा' की तरह का लुक प्रदान करती है। लेजर और स्तनों में कसावट लाने वाली अन्य शाल्य चिकित्सा रहित तकनीकों के इस्तेमाल से आने वाले वर्षों में ब्रेस्ट इनहांसमेंट की प्रक्रिया में काफी बदलाव आने की उम्मीद है।
ब्लेफेरोप्लास्टी
आंखें बुढ़ापे के लक्षण को सबसे पहले प्रकट करती है। आंखों के चारों ओर कौवों के पंजे की तरह के निशान और झुर्रियां उम्र को बयां कर देती है। लेकिन ब्लेफेरोप्लास्टी प्रक्रिया आंखों की पलकों को फिर से जीवंत करती है और उन्हें ताजा और युवा लुक प्रदान करती है। आजकल धंसी हुई और निस्तेज आंखों से छुटकारा पाने के लिए नवीनतम तकनीक प्लेक्सर का सहारा लिया जा रहा है। प्लेक्सर एक हैंडहेल्ड डिवाइस है जो इलेक्ट्रिक टूथब्रश की तरह दिखता है। लेकिन इसमें पतली सुई होती है जो प्लाज्मा ऊर्जा केंद्रित बीम को भेजती है, जो त्वचा की उपरी परत पर फोकस होती है और अंदर की परतों को सुरक्षित रखती है। प्लेक्सर आंखों के आसपास की त्वचा के फाइबर को संकुचित कर काफी परिशुद्धता के साथ आंखों के आसपास के हिस्से को तराशती है और कसावट के साथ उभरा हुआ लुक प्रदान करती है। मरीज़ पहले उपचार में ही इसके परिणाम देख सकते हैं।
लिक्विड फेस लिफ्ट
ज्यादातर लोग बढ़ती उम्र के संकेतों को छिपाने के लिए चेहरे में बदलाव लाना पसंद करते हैं। इसके लिए सबसे नवीनतम प्रक्रिया लिक्विड फेस लिफ्ट है। यह एक सर्जरी रहित प्रक्रिया है और यह किसी प्रकार का निषान छोड़े बिना चेहरे में कसावट लाकर पूरे चेहरे में उभार लाती है। लिक्विड फेस लिफ्ट की मदद से आंखों के नीचे के गड्ढे को छिपाया जा सकता है, जबड़े के लुक को बदला जा सकता है, गाल को उसके प्राकृतिक आकार में वापस लाया जा सकता है, और कनपटी को चेहरे के अनुरूप फिर से युवा लुक दिया जा सकता है, मुंह के कोनों में उभार लाया जा सकता है और चेहरे मंे अन्य खराबियों को ठीक किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के तुरंत बाद झुर्री में उल्लेखनीय सुधार होता है और जब इसे अच्छी तरह से किया जाता है, तो चेहरा 10 साल से भी अधिक युवा दिख सकता है।
फिलर्स
पिछले कुछ सालों से दुनिया भर में प्लास्टिक सर्जनों के द्वारा फिलर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। आगामी सालों में आंखों के आसपास के हिस्से को फिर से आकर्शक आकार देने के लिए फिलर्स के इस्तेमाल की प्रवृत्ति में तेजी आने वाली है। इसके तहत आंखों की ऊपरी और निचली पलकों में फिलर्स को इंजेक्ट किया जाता है। इसलिए, आंखों को आकर्शक लुक देने और भरा-भरा दिखने के लिए आंखों के चारों ओर से वसा को हटाने के बजाय फिलर्स को इंजेक्ट किया जाता है।
राइनोप्लास्टी
राइनोप्लास्टी प्लास्टिक सर्जरी की कला और विज्ञान का सबसे अच्छा संयोजन है। अधिक प्राकृतिक दिखने वाली नाक की मांग की सालों पहले की प्रवृत्ति वापस लौट आई है। नवीनतम प्रवृत्ति में, मरीज हॉलीवुड स्टाइल की नाक की बजाय अधिक प्राकृतिक दिखने वाली नाक चुनने का विकल्प चुन रहे हैं। कई लोग अब सिर्फ सेलिब्रिटी या किसी सुंदर व्यक्ति की नाक की नकल करना नहीं चाहते हैं, बल्कि वे ऐसी नाक चाहते हैं जो उसके चेहरे की सुंदरता के लिए सबसे उपयुक्त हो और साथ ही आकर्शक दिखती हो। राइनोप्लास्टी या नोज जाॅब सर्जरी का इस्तेमाल आकर्षक नाक पाने के लिए सर्जिकल और नाॅन- सर्जिकल दोनों विकल्पों के लिए किया जा रहा है। नोज जाॅब के लिए फिलर्स में मानव शरीर में स्वाभाविक रूप से पाये जाने वाले हाइलूरोनिक एसिड का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि बाद में विकृतियों को रोका जा सके।
क्यूआर 678 इंजेक्शन की मदद से बाल प्रत्यारोपण और बाल उपचार
चमकदार बालों की प्रवृत्ति हमेशा से रही है। बाल के उपचार के क्षेत्र में सबसे नई आगामी तकनीक क्यूआर 678 इंजेक्शन है। क्यूआर 678 बालों को झड़ने से रोकने और बालों की वृद्धि में सफल साबित हुआ है। यह एक गैर शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें एस्थेटिक क्लिनिक्स के द्वारा आविष्कार किए गए हेयर ग्रोथ फैक्टर क्यूआर 678 को हेयर फाॅलिकल में इंजेक्ट किया जाता है, जो स्वस्थ और चमकीले बाल के विकास को बढ़ावा देता है। यह पुरुश और महिला पैटर्न के गंजापन दोनों में सफल साबित हुआ है।
कूलस्कल्पिंग
शरीर को अच्छा आकार देने के लिए कूलस्कल्पिंग मशहूर हस्तियों के बीच सबसे नई प्रवृत्ति है। कूलस्कल्पिंग एक साधारण प्रक्रिया है जिसमें शरीर में वसा कोशिकाओं को फ्रीज करने के लिए ठंडे धातु के टुकड़ों का उपयोग किया जाता है। इससे फ्रीज की हुई कोशिकाएं प्राकृतिक रूप से मर जाती हैं और इन्हें प्राकृतिक प्रक्रिया के माध्यम से शरीर से हटा दिया जाता है। यह शरीर के सभी क्षेत्रों से अवांछित वसा से छुटकारा पाने की एक बहुत ही प्रभावी प्रक्रिया है। इसमें षरीर में चीरे या घाव के कोई निषान नहीं रहते हैं और यह प्रक्रिया काफी सरल है।
उल्थेरा
उल्थेरा त्वचा में कसावट लाने की नवीनतम प्रवृत्ति है। यह एक नाॅन- इंवैसिव प्रक्रिया है जिससे चेहरे में कसावट लाने के तत्काल परिणाम हासिल होते हैं। इस प्रक्रिया के तहत भौहें, गर्दन और ठोड़ी के क्षेत्र को लक्षित किया जाता है। इसके तहत कोलाज में वृद्धि करने के लिए त्वचा की अंदर की परतों को उत्तेजित करने के लिए अल्ट्रासाउंड तरंगों को उपयोग किया जाता है, जो उपचार के दो से चार महीने तक जारी रहता है।
फेस थ्रेड लिफ्ट
जब हम फेस लिफ्ट के बारे में बात करते हैं तो हम गर्दन वाले हिस्से और जबड़े के पास के हिस्से को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। 4 डी तकनीक में दो अलग-अलग तकनीकों और दो अलग-अलग धागों का इस्तेमाल किया जाता है। गर्दन के वाॅल्युमाइजेषन की प्रक्रिया के लिए, हम घुलनशील पीडीओ (पॉलीडियोक्सानोन) धागे का उपयोग करते हैं, जो अवशोषित हो जाते हैं, और इस प्रकार ये पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। ये धागे त्वचा में इलास्टिन और हाइलूरोनिक एसिड के संश्लेषण को प्रोत्साहित करके त्वचा को भरा-भरा और युवा दिखने में मदद करते हैं।
तरोताजा रहने के लिए और प्लास्टिक सर्जरी प्रक्रियाओं को कराने के लिए यह उपयुक्त समय है ताकि आप अपने पूरे जीवन में युवा दिख सकें, क्योंकि इस मौसम मंे इनके न्यूनतम दुश्प्रभाव होते हैं।
डॉ. देबराज शोमे एक सेलिब्रिटी फेशियल प्लास्टिक सर्जन और कॉस्मेटिक सर्जन हैं। वह एस्थेटिक क्लिनिक्स के निदेशक हैं, जिसके मुंबई, सूरत, हैदराबाद, दिल्ली और कोलकाता में केंद्र हैं।
प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में उभर रही नयी प्रवृृृृृृृृत्तियां
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
कॉस्मेटिक उपचार के बारे में मन में अक्सर कई विरोधाभाश और सवाल उठते रहते हैं लेकिन अब इनके जवाब अनुत्तरित रह नहीं रह गये हैं। यहां यह उल्लेख ...
-
– विनाेद कुमार संगोष्ठी के दौरान डा़ रामदास तोंडे की पुस्तक ʺसाहित्य और सिनेमाʺ का लोकार्पण तेजी से बदलते युग में ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय प...
-
चालीस-पचास साल की उम्र जीवन के ढलान की शुरूआत अवश्य है लेकिन इस उम्र में अपने जीवन के सर्वोच्च मुकाम पर पहुंचा व्यक्ति पार्किंसन जैसे स्नायु...
Featured Post
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance Shri Basavaraj Bommai, Member of Parliament, Lok Sabha and Former Chief Min...
Blog Archive
Labels
addiction
ayurveda
ayush
traditional medicine
Beauty & Fitness
black fungus
bollywood
breat cancer
central government
Chandrayaan-3
children
CII
cinama
literature
corona
cosmetic laxe
covid
covid positiv mother
diabetes
diet
divyang
DNA vaccine
eye care
eye donation
food
food & nutrition
gov
health
Health centre
health and food
Health Articles
health family welfare
Health News
health news
corona
health problems
healthy food
healthy heart
Heart Care
heart diseases
covid-19
Heart Problems
immunisation
pandemic
infertility
joshimath
Lifestyle
mental health
monkey pox
National News
nutrition
child health
obesity
obesity in children
obesity and mental health
proteins
roda safety
soy food industry
soya
UHI
vaccination
vaccine
WHO
Women's Health
yoga