देहरादून से 18 साल की एक लडकी ढेर सारे सपने लेकर मुंबई आयी थी। आठ साल के संघर्ष के बाद उसके सपने हकीकत में बदल गये और उसे सारी दुनिया अर्चना पूरन सिंह के नाम से जानने लगी। आज वह सफलतम टेलीविजन कलाकार और एंकर है। मिस्टर एंड मिसेज की आधुनिक बीबी और सेंसर्ड तथा वाह क्या सीन है के प्रस्तुतकर्ता के रूप में वह दर्शकों के दिलों में छायी हुयी है। जाने भी दो पारो और अर्चना टाकिज जैसे टेलीविजन कार्यक्रमों के अलावा उसने करमचंद और जलवा जैसी फिल्मों में काम किया है। आइये जानते हैं कि इस व्यस्त कलाकार के फिटनेस के राज क्या हैं।
आपकी रोजना की दिनचर्या क्या है।
सुबह साढे सात बजे सोकर उठती हूं। इसके बाद मैं थोडा आफिस का काम करती हूं। नौकरों को दिन भर के निर्देश देकर मैं रिहर्सल के लिये जाती हूं। उससे पहले अगर समय मिला तो आधा घंटा जिम में जाती हूं।
रात का खाना नौकर ही बनाते हैं। रात को हल्का खाना खाकर आधा घंटा टेलीविजन देखकर मैं सोती हूं। रात में ग्यारह साढे ग्यारह बजे मैं सो जाती हूं। मेरी यह दिनचर्या काफी हद तक नियमित है। इसलिये रात की पार्टी में मैं बहुत कम जाती हं। क्योंकि उसके लिये बच्चों को छोडना पडता और मुझे ऐसा करके अच्छा नहीं लगता है।
आपका रोजना का आहार क्या है।
मैं शुद्ध शाकाहारी हूं। मैं एक चपाती, दाल, सब्जी, रोटी के अलावा खूब सारे सलाद खाती हूं।एक कटोरी दही मैं रोज लेती हूं1 मैं दिन भर खूब पानी पीती हूं। पेय ड्रिंक्स में मुझे कोक पसंद है लेकिन मैं फिट रहने के लिये कैलोरी नहीं लेना चाहती इसलिये मैं डायट कोक खूब पीती हूं। इसके अलावा मैं नींबू पानी पीती हूं।
आप अपने को बीमारियों से दूर रखने के लिये कौन सी दवाइयां लेती हैं।
मैं होम्योपैथी मेडिसीन में बहुत विश्वास करती हूं। इसके अलावा मुझे आयुवेद पर भी विश्वास है। मेरा एलौपैथी मेडिसीन में विश्वास नहीं करती हूं। इसका इस्तेमाल अत्यंत जरूरी होने पर ही इमरजेंसी की स्थिति में करती हूं।
मैं बाक फ्लावर नामक होम्योपैथी दवाई का इस्तेमाल नियमित रूप से करती हूं। इस दवाई के बारे मुझे मेरे भाई ने बताया था। यह दवाई मैं अपने बच्चों को भी देती हूं। लोगों से भी मैं कहूंगी कि वे इसका इस्तेमाल करें। इसे छोटे बच्चों को भी दिया जा सकता है क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
यह दवाई फूलों से बनायी जाती है। यह दवाई ऐसी है कि यह बीमारी आने ही नहीं देती है। यह दवाई अपने को स्वस्थ रहने के लिये लेती हूं। मैं दोनों बच्चों को होम्योपैथी दवाइयां और बाक फ्लावर ही देती हूं।
आपका फिटनेस का फंडा क्या है।
अगर आपका मन शांत है तनाव रहित है तो आपका शरीर भी स्वस्थ एवं फिट रहेगा।
इसलिये मैं मड आइलैंड चली गयी क्योंकि वहां शांत माहौल है। अपने को स्वस्थ एवं फिट रखने के लिये आप जिम आदि जाने की तुलना में मैं बीच पर से जाना ज्यादा पसंद करती हूं।
तन मन से स्वस्थ्य रहने के लिये प्रकृति के पास रहना भी जरूरी है। इसलिये मैं मुख्य मुंबई शहर से मड आइलैंड इसी लिये रहने चली गयी ताकि मैं प्रकृति के और अधिक नजदीक रह सकूं। प्रकृति के करीब रहकर यह अहसास ज्यादा होता है कि आप प्रकृति से कितने दूर हो गये थे। मड आइलैंड में रहते हुये मुझे सात महीने हो गये1 वहां सुबह मैं वॉक करती हूं..योगा करती हूं।
जिस काम से मुझे तनाव पैदा होता है वो काम लेना मैं पसंद नहीं करती हूं। इसलिये जो काम किसी दबाब में करना पडे उस काम को मैं नहीं करती हूं। मैं किसी तरह का तनाव नहीं लेती। मैंने पिछले दो साल से तनाव रहित जीवन जी रही हूं। इसलिये मेरा तन मन ज्यादा स्वस्थ है।