मल्टीपल इंज्युरिज के षिकार लोग तीन सप्ताह के गहन उपचार के बाद सामान्य जीवन जीने लगते हैं।
एक साथ कई चोटों के षिकार तथा गंभीर रूप से जख्मी व्यक्ति के इलाज के क्षेत्र में हुई प्रगति की बदौलत अब न केवल दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है बल्कि वे उपचार के बाद बेहतर जीवन जी सकते हैं। ऐसी पाॅली ट्राॅमा केयर के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अटलांटा हास्पीटल जन जागरूकता अभियान चलाया।
इस अवसर पर अटलांटा अस्पताल, गाजियाबाद के आईसीयू एवं क्रिटिकल केयर के प्रमुख डा. हेमंत गर्ग एवं अस्पताल के फैसिलिटी निदेशक डा. अमित सिंह उपस्थित थे। इस अभियान के तहत सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल लोगों के उपचार तथा उन्हें प्रदान की गई उपचार सेवाओं के कारण उनके सकुषल होने के विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।
अटलांटा हास्पीटल, गाजियाबाद के आईसीयू एवं क्रिटिकल केयर के प्रमुख डा. हेमंत गर्ग ने इस मौके पर कहा, ''हाल ही में, मेरठ के निवासी मेरठ राजमार्ग पर एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें षरीर में कई अंगों में चोट लगी। उनके बाएं पंजे में फ्रैक्चर था, दाहिने ह्यूमरस और प्यूबिक बोन में चोट लगी थी। बांया सुपीरियर क्रैम्प उनके मूत्राशय को क्षतिग्रस्त कर रहा था। शुरुआत में उन्हें मेरठ के एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया और बाद में उन्हें अटलांटा अस्पताल लाया गया। आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अमित त्यागी के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने घायल का इलाज षुरू किया और इस बीच सर्जिकल ओटी को तुरंत तैयार किया गया। जांच रिपोर्टो। के आधार पर चिकित्सकीय टीम ने कई तरह की षल्य क्रियाएं करने का फैसला किया जिनमें लेफ्ट आईसीडी इन सीटू, ट्रेकियोस्टोमी और रेडियल नर्व की एक्सप्लोरेषन सहित ओआरआईएफ जैसी सर्जरी षामिल थी। मरीज को तीन सप्ताह से अधिक समय तक आईसीयू में रखा गया। मरीज ने तेजी से स्वास्थ्य लाभ किया।
डॉ हेमंत गर्ग के मार्गदर्शन में, रोगी को गहन देखभाल प्रदान की गई। अनुभवी नर्सों और सहायक कर्मचारियों ने भी पूरी देखभाल की और इस तरह से गंभीर रूप से घायल मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिली।
अटलांटा हास्पीटल में आईसीयू अपने प्रकार का एक विषिश्ट आईसीयू है और यहां मरीजों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। यह सुसज्जित और आधुनिक परिष्कृत तकनीक से भरपूर है और मरीज की देखभाल एवं चिकित्सा अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा की जाती है।
अटलांटा हास्पीटल, गाजियाबाद के फैसिलिटी निदेषक डा. अमित सिंह ने कहा, ''आमतौर पर आईसीयू में उपचार बहुत महंगा होता है और खास तौर पर पाॅलीट्रॅामेटिक मामलों में। रोजाना का खर्च ही इतना अधिक होता है कि आम तौर पर इतना अधिक खर्च मरीज उठा नहीं पाते हैं और कई मरीज गंभीर अवस्था में ही आईसीयू से बाहर निकलना चाहते हैं। ऐसे में मरीज को आईसीयू में कम समय तक रहना पड़े, इसके लिए अस्पताल ने आपातकालीन विभाग में ही क्रिटिकल केयर इकाइयां लगाई है और इसके कारण कम खर्च में ही आपात स्थिति में भर्ती होने वाले विभिन्न मरीजों के चिकित्सा प्रबंधन में क्रांतिकारी सुधार लाया है।''
अस्पताल चैबीसों घंटे मरीजों को अत्याधुनिक माॅनिटरिंग उपकरणों और प्रषिक्षित नर्सों की मदद से मल्टीडिस्पलिनरी केयर प्रदान करता है। आईसीयू में नर्सिंग कर्मचारियों की अधिक विषिश्ट भूमिका होती है। साथ ही साथ नर्सों एवं मरीजों का अनुपात भी अधिक रखा गया है।
पौलीट्राॅमेटिक चोटों के इलाज के बारे में जागरूकता के लिए जन अभियान चलाया
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