'ग्लैमर गर्ल' के नाम से विख्यात बीते जमाने की अभिनेत्री जीनत अमान ने हरे रामा हरे कृष्णा, सत्यम शिवम सुंदरम और कुर्बानी में साहसिक किरदार निभाया था और इसके लिए वह काफी चर्चित रहीं। इस बिंदास अभिनेत्री के साथ बातचीत के अंश।
अब लोगों का ध्यान आपकी ओर नहीं जाता है इससे आपको दुख पहुंचता होगा?
ऐसा नहीं है। मुझे अब सिर्फ चेक नहीं आने का मलाल है। आजकल की लड़कियां जितना कमा रही हैं उनकी तुलना में हमारी कमाई कुछ भी नहीं थी।
आपकी पीढ़ी पैसे के पीछे भागने वाली नहीं रही होगी?
मैं अपने सहयोगियों के बारे में कुछ नहीं बोल सकती। मैंने कुछ अच्छे निर्देशकों के साथ काम किया है। हमलोगों का ध्यान सिर्फ अच्छा काम करने पर केन्द्रित होता था।
प्रियंका चौपड़ा ने फिल्म डॉन में आपका किरदार निभाया है आप उनके बारे में कैसा महसूस कर रही हैं?
वह बहुत ही सुंदर और प्यारी सी लड़की है। मेरी उसके साथ ज्यादा बातचीत नहीं हुई है। लेकिन मैं जब भी उससे मिली हूं वह बहुत ही गर्मजोशी से मिली है। मुझे खुशी है कि उसने यह किरदार अच्छी तरह से निभाया है।
आप मूलतः बोल्ड और ब्यूटीफुल ग्लैमर गर्ल रही हैं। आप अपनी सफलता के बारे में क्या सोचती हैं?
सच्चाई यह है कि मैंने अपनी अधिक फिल्में नहीं देखी है। लेकिन जब कोई फिल्म पूरी निष्ठा और लगन से बनायी जाती है और उसमें बोल्ड और सुंदर विचारों का इस्तेमाल उदारतापूर्वक किया जाता है तो वह फिल्म जरूर सफल होती है।
आपके समय में सत्यम शिवम सुंदरम और अब्दुला जैसी कई फिल्मों में आपको कामुकता के साथ पेश किया गया था। आपको इसका कोई अफसोस है?
उस समय यह नहीं देखा जाता था कि आपका उपयोग किया जा रहा है। इसे एक व्यावसायिक चाल समझा जा सकता है। जब मैंने ऐसा किया तो यह नहीं सोचा कि मैं कुछ बोल्ड सीन कर रही हूं। मैंने ऐसा पूरे आत्मविश्वास के साथ किया।
जब आप वाटर फॉल के नीचे होती थीं तो लगता था कि आप शॉवर के नीचे हैं।
इस कॉम्प्लीमेंट के लिए धन्यवाद। लेकिन अब मैं दो बच्चों की मां हूं। जब मैं अपने पिछले कुछ सीनों को देखती हूं तो लगता है ये सीन कुछ कामुक हैं। सौभाग्य से मेरे दोनों बेटों की मेरी फिल्मों में रुचि नहीं है, वे अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीते हैं। हालांकि मेरे बड़े बेटे ने मेरी कुछ फिल्में देखी है। लेकिन मेरे बेटों ने मेरी जिंदगी को नया आयाम दिया है।
आपके बेटों की फिल्मों में रुचि है?
वे किशोर हैं। मेरा बड़ा बेटा लंदन में यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स में पढ़ रहा है। वह फिल्म मेकिंग का कोर्स कर रहा है। छोटा बेटा यहां जूनियर कॉलेज में पड़ रहा है।
आपने कुछ समय पूर्व एक फिल्म में काम किया था। ं
हां। जाना एक व्यावसायिक फिल्म थी जिसमें मेरी बहुत ही रोचक भूमिका थी। यह मेरी उम्र के हिसाब से सही किरदार था। यह एक मनोरंजक फिल्म थी और इसमें मेरा काम बहुत ही मजाकिया किस्म का था। इस फिल्म में मेरे साथ राजेश खन्ना थे।
हॉलीवुड के प्रति कलाकारों के बढ़ते झुकाव के बारे में आप क्या सोचती हैं?
मैंने रेक्स हेरीसन, जॉन सैक्सन और जिना लोलोब्रिगिडा के साथ पहली इंडो-अमेरिकन को-प्रोडक्शन शालीमार में काम किया था। बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि मैंने अपने करियर के शुरुआत में एक वियतनामी महिला के साथ एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट में काम किया था। इस प्रोजेक्ट में देव साहब भी थे। यह रिलीज नहीं हो पायी दुनियाअब बहुत छोटी हो गयी है। सिनेमा एक ऐसा माध्यम है जिसने सारी सीमाओं को तोड़ दिया है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि हॉलीवुड में भारतीय कलाकारों के लिए बड़ा मार्केट है। फिर भी देश से बाहर काम करने की लालसा रखना बुरी बात तो नहीं है।
जिंदगी के बारे में आपकी क्या सोच है?
जिंदगी के बारे में भविष्यवाणी करना संभव नहीं है। आप यह नहीं जान सकते हैं कि आप ऊंचाई पर जाएंगे या नीचे उतरेंगे। यह ट्रिक ज्वार-भाटा की तरह है। जिंदगी एक व्यापार की तरह है जो व्यक्ति को बेहतर बना सकती है या उसे नीचे गिरा सकती है। जहां तक मेरी जिंदगी का सवाल है तो मेरी जिंदगी ने मेरे साथ धोखा नहीं किया। मैं आशावादी हूं। मुझे अपनी जिंदगी पर कोई अफसोस नहीं है। आज भी ऐसे लोग हैं जो मुझे प्यार करते हैं। मैंने बहुत अच्छी जिंदगी जी है और मैं इसके लिए जिंदगी की आभारी हूं।
आप प्यार में बदनसीब साबित हुईं?
शायद ।
आपने जिससे भी प्यार किया उसके बारे में आपकी सोच गलत निकली?
निश्चित तौर पर।
अभी आपकी जिंदगी में कोई है?
मैं अपनी जिंदगी से खुश हूं।
आप अपना जन्मदिन कैसे मनाती हैं?
मैं हमेशा अपना जन्मदिन अपने परिवार और अत्यंत करीबी दोस्तों के साथ मनाती हूं जो लंबे समय से हमारे साथ हैं।
अपने जन्मदिन के बारे में आपका क्या विचार है?
मैं यह सोचकर खुश हूं कि मैं अभी तक जिंदा और स्वस्थ हूं। मेरे जानने वाले मजहर खान, स्मिता पाटिल और परवीन बॉबी जैसे लोगों ने बहुत छोटी जिंदगी जी। मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे लंबी जिंदगी का उपहार मिला है, मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं और मुझे अपने परिवार और दोस्तों का भरपूर प्यार मिला।।
परवीन बॉबी की मृत्यु से आपको सदमा पहुंचा होगा?
उनकी मृत्यु से मुझे गहरा सदमा पहुंचा था और मैं उदास हो गयी थी। वह मृत्यु के समय भी बिल्कुल अकेली थीं। मुझे लगता है कि अपनी बीमारी की वजह से ही उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया था।
आप हमेशा मीडिया में चर्चा का विषय बनी रहीं। अब आपकी जिंदगी में कितनी प्राइवेसी है?
जब आप सक्रिय रूप से काम कर रहे होते हैं तो मीडिया का ध्यान बरबस ही आपकी ओर खींच जाता है। यह एक पैकेज की तरह होता है। कोई भी व्यक्ति अपनी प्राइवेसी खोये बगैर सफल नहीं हो सकता। सफलता प्राप्त करने के लिए आपको खुद को भूलना पड़ता है। अब मैं लंबे समय से फिल्म में काम नहीं कर रही हूं इसलिए अब मैं अपनी प्राइवेसी को संजोए हुए हूं।