विस्तृत जानकारी देते हुए डिपार्टमेंट के एसई ईजीनियर केएस सैनी ने बताया कि विभाग ने लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने और महिला श्रद्धालुओं में सेनिटेशन सुविधाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के मकसद से एक संयुक्त योजना बनाई है, जिसके तहत सभी महिलाओं के सभी शौचालयों व अन्य प्रमुख स्थलों पर सैनीटरी पैड्स वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इन मशीनों के जरिए 15 हजार से ज्यादा महिलाओं को सैनीटरी नेपकिन वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावी महावारी स्वच्छता प्रबंधन को लागू करने के लिए कई तरह के प्रयास किए गए हैं, जिसके तहत इन मशीनों को स्थापित करना एक बड़ा कदम था।
उन्होंने कहा कि सिर्फ सैनीटरी पैड्स मुहैया करवाना ही इस योजना का हिस्सा नहीं था बल्कि इस्तेमाल किए जा चुके पैड्स को एकत्रित करके वैज्ञानिक तरीके से इन्हें नष्ट करना भी एक बड़ी चुनौती थी। इसके लिए पूरे शहर में पिंक डस्टबिन लगाए गए हैं। यहां पर इस्तेमाल किए गए सैनेटरी पैड्स को फेंका जा सकता है, जिसे बाद में वैन द्वारा इक_ा किया जाता है। इस्तेमाल पैड्स को एकत्रित करने के लिए दो वैनें खास तौर पर तैनात की गई हैं, जोकि इन पैड्स को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए निर्धारित जगह पर ले जाती हैं।
इंजीनियर सैनी ने बताया कि यह प्रयास वाटर सप्लाई व सैनीटेशन मिनिस्टर रजिया सुल्ताना और विभाग की सचिव जसप्रीत तलवार के निर्देशों पर किया गया है। इस प्रयास को लागू करने में एचडीएफसी बैंक ने कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।