लहसुन और प्याज के सेवन से प्रोस्टेट की सुरक्षा

लहसुन, प्याज और इसी तरह के तेज गंध वाले खाद्य पदार्थ जीवन साथी के साथ रोमांस में खलल तो डालते हैं लेकिन इनके सेवन से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा आधा हो जाता है।
आम धारणा है कि तीक्ष्ण गंध वाली एलियम और सल्फर युक्त सब्जियां खाने वाले लोग उग्र स्वभाव के होते हैं। लेकिन नेशनल कैंसर इंस्टीच्यूट के एन हसिंग और उनके सहयोगियों ने प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित 238 लोगों तथा 471 स्वस्थ लोगों से उनके खान-पान से संबंधित साक्षात्कार कर निष्कर्ष निकाला है कि प्रतिदिन इन पदार्थों के एक औंस (10 ग्राम) के एक तिहाई भाग के सेवन से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है।
अमरीकन इंस्टीच्यूट फाॅर कैंसर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने आहार और कैंसर के बीच गहरा संबंध पाया है। उनके अनुसार सही खान-पान से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
शोधकर्ताओं ने कैंसर मरीजों और स्वस्थ लोगों के आहार की तुलना करने पर पाया कि एलियम युक्त सब्जियों के सेवन से न सिर्फ प्रोस्टेट कैंसर बल्कि आमाशय, गुदा, ग्रास नली, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के खतरे भी कम हो जाते हैं। 
एन हसिंग का कहना है कि तेज गंध वाले खाद्य पदार्थ प्रोस्टेट कैंसर से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर होते हैं। इसलिए पुरुषों को प्याज आदि के सलाद खाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके विपरीत न्यूयार्क में रोचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता चैनसांग चांग और उनके सहयोगियों ने प्रोस्टेट कैंसर पर किए गए अध्ययनों में पाया है कि प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फ्लुटामाइड जैसी कुछ दवाईयां प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को मारने के साथ-साथ उसे बढ़ाती भी है। हालांकि ये दवाईयां प्रोस्टेट कैंसर के रोगियों के लिए जरूरी भी हंै।
प्रोस्टेट कैंसर का सबसे सामान्य इलाज बंध्याकरण है जिसके तहत दवाईयों अथवा सर्जरी से टेस्टोस्टेराॅन को काट दिया जाता है। अधिकतर मामलों में यह प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाओं को मारती है लेकिन एक या दो साल बाद कैंसर कोशिकाएं फिर से वृद्धि करने लगती हैं।
रोचेस्टर के यूरोलाॅजी विभाग के प्रोफेसर डा. इडवर्ड मेसिंग के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर के कारण हर साल 30 हजार पुरुषों की मौत होती है क्योंकि टेस्टोस्टेराॅन की कोशिकाओं को समाप्त कर देने के बावजूद ये फिर से वृद्धि करने लगती हैं।