प्रश्न : मेरे दादाजी की मृत्यु स्ट्रोक के कारण हुई थी। मेरी मौसी को भी एक साल पहले स्ट्रोक हुआ था। क्या यह वंशानुगत हैं। क्या इसका मतलब है कि किसी दिन मेरी भी मृत्यु स्ट्रोक के कारण हो जाएगी। मैं 42 साल की महिला हूं। मैं डायबिटिक हूं और उच्च रक्त चाप से पीड़ित हूं।
प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट डा. पुरूषोत्तम लाल के जवाब :
उत्तर : स्ट्रोक दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। हालांकि स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास होने पर स्ट्रोक का जोखिम 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। लेकिन साथ ही उम्र लिंग और स्ट्रोक के कई प्रकार — छोटी वाहिक बनाम बड़ी वाहिकाए इस्कीमिक बनाम हेमरेजिक आदि भी स्ट्रोक की आनुवांशिकता को प्रभावित करते हैं। मोनोजायगोटिक जुड़वा बच्चों को डायोजायगोटिक जुड़वा बच्चों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा कई गुना अधिक होता है। यह पाया गया है कि कम उम्र के जिन मरीजों को स्ट्रोक होता है उनमें पहली डिग्री के रिश्तेदारों में स्ट्रोक का इतिहास होता है। इसके अलावा जिन महिलाओं को स्ट्रोक होता है उनमें पुरूष की तुलना में स्ट्रोक का पैतृक इतिहास होने की अधिक संभावना होती है। स्ट्रोक के पारंपरिक जोखिम कारकों के आनुवांशिक कारण जैसे कि एट्रियल फाइब्रिलेशन; अनियमित धड़कन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप भीए आश्चर्यजनक रूप से स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े होते हैं। वंशानुगत कारक; जैसे आपके परिवार में मातृ पक्ष और पैतृक पक्ष दोनों में स्ट्रोक का इतिहास रहा हैं, जैसे गैर —परिवर्तनीय जोखिम कारकों के अलावा आपको मधुमेह और उच्च रक्तचाप परिवर्तनीय जोखिम वाले कारक भी हैं और इससे स्ट्रोक होने का जोखिम अधिकतम हो जाता है। इसलिए मेरी आपको सलाह है कि आप अपने परिवर्तनीय जोखिम कारकों को नियंत्रित करें और आप आसानी से दवाओं और चिकित्सक की नियमित निगरानी के जरिए इन्हें नियंत्रित कर सकती हैं और आप खुशहाल जीवन जी सकती हैं।