खराब सड़कें दे रही हैं कमर दर्द: स्पाइन विशेषज्ञ 

गड्ढोां से भरी सड़कों के कारण यात्रियों, विशेषकर बाइक सवारों को पीठ में दर्द और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के मौसम के आते ही, आर्थोपेडिक और स्पाइन डॉक्टरों के पास आने वाले पीठ और कमर की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हो गई है। 
डाॅ. निपुन बजाज कहते हैं, ''हर दिन मेरे पास इलाज के लिए आने वाले रोगियों में कम से कम 20 प्रतिशत पीठ और कमर दर्द के रोगी होती है क्योंकि उन्हें गड्ढे से भरे सड़कों पर लंबे समय तक यात्रा करनी पड़ती है।'' वह ग्रेटर फरीदाबाद में सेक्टर 86 में समर पाम्स के निवासियों को आज एक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, क्यूआरजी के रोगी शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला के तहत संबोधित कर रहे थे।
यात्रा करते समय अचानक झटका लगने पर वर्टिब्रल काॅलम में डिस्क के जोड़ों पर दबाव पड़ता है। अगर ऐसा बार-बार होता है, तो डिस्क खराब होना षुरू हो जाती है और इसके कारण कई समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. बजाज ने कहा, ''अचानक झटके लगने से वर्टिब्रा के कोलैप्स होने का खतरा रहता है जिसके कारण कम्प्रेशन फ्रैक्चर हो सकता है। समय पर इसका इलाज नहीं कराने पर, लम्बर और सरवाइकल स्पाइन पर स्ट्रेस लगातार जारी रहता है और व्यक्ति को स्पोंडिलोसिस हो सकता है। लोगों को अपनी पीठ को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और उचित पोष्चर में ही बैठना चाहिए।
विषेशज्ञों के अनुसार खराब सड़कों का पीठ और कमर पर सीधा प्रभाव पड़ता है और इसके कारण पीठ और कमर दर्द और इंजुरी हो सकती है। ट्रैफिक जाम होने का मुख्य कारण खराब सड़कें हैं, जो उच्च रक्तचाप, हाइपर एसिडिटी, तनाव, बेचैनी और चिड़चिड़ाहट पैदा कर सकती हैं।
डाॅ. बजाज ने कहा, ''हमारे पास पीठ और कमर दर्द का इलाज के लिए आने वाले रोगियों को हम व्यापक स्पाइनल रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम में षामिल करते हैं। इस प्रोग्राम में कमर दर्द से राहत तथा रीढ़ की स्थिरता पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। जुलाई और अगस्त ऐसे महीने हैं जब कमर दर्द से संबंधित समस्याओं में इजाफा होता है। जब दर्द सहने लायक होता है तो लोग घर पर ही दर्द निवारक दवाइयां खाकर दर्द से राहत पाने की कोषिष करते हैं लेकिन चिकित्सकों के पास नहीं आते हैं लेकिन स्थिति गंभीर होने पर जब वे चिकित्सकों के पास आते हैं तक उन्हें उच्च उपचार की जरूरत पड़ती है।