आप अक्सर घर छोड़ने से पहले लाइट बंद करना भूल जाते हैं? क्या आप यह भूल जाते हैं कि आपने अपनी कार की चाबियाँ कहां रखी है? क्या आप जानते हैं कि आज सप्ताह का कौन सा दिन है? आप लगातार इस तरह के सांसारिक बातों से परेशान होते रहते हैं तो आशंका इस बात की है कि आप कमजोर स्मृति और एकाग्रता की कमी से पीडित हैं। यदि आप मस्तिष्क की रक्षा करना चाहते हैं और मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो इसे हासिल करने के लिये यहां कुछ प्रभावषाली किन्तु आसान उपाय बताये जा रहे हैं।
हम सभी जानते हैं कि ध्यान हमारे मस्तिष्क का भावनात्मक नियामक है, और यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है। हम उन खाद्य पदार्थों को भी जानते हैं जो मस्तिष्क के कार्यकलाप को अधिक से अधिक बढ़ा सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ हैं अखरोट, ब्रोकोली, ब्लूबेरी, नट और बीज। विटामिन ई और विटामिन के मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। पजल्स और दिमागी खेल खेलने से दिमाग तेज होता है। नियमित रूप से कार्डियो व्यायाम करने से मस्तिष्क के स्मृति वाले क्षेत्र ''हिप्पोकैम्पस'' के आकार को बढ़ाने में मदद मिलती है।
दरअसल हमारा मस्तिष्क एक शक्तिशाली जैविक मशीन है। हमारे मस्तिष्क में ग्लूकोज की निरंतर आपूर्ति जरूरी होती है। इंसुलिन वैसा हार्मोन है जो ग्लूकोज को स्टोर करता है। जब ग्लूकोज हमारे रक्त प्रवाह में शामिल होता है तो पैंक्रियाज रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने के लिए इंसुलिन की समुचित मात्रा उत्सर्जित करता है।
व्यायाम: शारीरिक गतिविधि हमारे दिमाग में नई कोशिकाओं को विकसित करने में मदद करती है, जिससे इस क्षेत्र में केशिकाओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है। नियमित व्यायाम निम्नलिखित में मदद करता है:
— शरीर में उचित रक्त प्रवाह।
— बेहतर विकास और न्यूरॉन्स की रक्षा
— हृदय रोगों के खतरों में कमी
— छह माह तक व्यायाम करने वाले बुजुर्गों पर किये गये एक नये अध्ययन के अनुसार उन बुजुर्गों की स्मृति में 1,800 प्रतिशत की वृद्धि हुयी।
ब्लूबेरी: इसे अपने आहार में शामिल करें क्योंकि येे स्मृति शक्ति में सुधार करते हैं। ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरे हुए होते हैं और इसलिये ये शरीर के डीएनए की रक्षा में मदद करते हैं। ब्लूबेरी में फाइटोन्यूट्रिएट्स की अधिककम मात्रा होती है जो दिमाग के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि ब्लूबेरी में फ्लावोनाॅयड्स नामक यौगिक होते हैं जो मस्तिष्क की कोशिकाओं में सुधार करते हैं। ये अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक स्मृति में भी सुधार कर सकते हैं।
नट्स: नट्स विटामिन ई के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और ये मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिये उपयोगी हैं। नट्स को पोषण स्नैक्स के रूप में भी जाना जाता है जो कोलेस्ट्रॉल, हृदय की समस्याओं और कैंसर के जोखिम को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। नट्स में मोनोसेचुरेटेड एवं पॉलीअनसेचुरेटेड वसा होते हैं जो स्मृति क्षमता को मजबूत बनाते हैं। शोध से पता चला है कि नट्स मस्तिष्क में तीन दर्जन से अधिक न्यूरोट्रांसमीटर विकसित करने में मदद कर सकते हैं। मस्तिष्क की शक्ति के लिए अखरोट सबसे अच्छे नट्स होते है। इसमें अधिक मात्रा में डीएचए, ओमेगा- 3 फैटी एसिड होते हैं। डीएचए मस्तिष्क के स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं और इससे वयस्कों में संज्ञानात्मक (काग्निटिव) क्षमता में सुधार होती है।
विटामिन डी: विटामिन डी मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी मस्तिष्क के उस हिस्से में काम करता है जो अवसाद से जुड़े होते हैं।
नींद: हर रात सात से आठ घंटे तक लगातार नींद लेने से आपकी स्मृति में वृद्धि होती है। नींद मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समुचित नींद के बिना, न्यूरॉन्स को दिन के दौरान होने वाले सभी तरह की क्षतियों को दुरूस्त करने का समय नहीं मिल पाता है।
चॉकलेट: चॉकलेट खाने से मस्तिष्क को तीक्ष्ण बनाने में मदद मिलती है और इससे मस्तिष्क की अल्पकालिक स्मृति बढ़ती है। गहरे रंग के चॉकलेट दिमाग के लिए सबसे अच्छे चॉकलेट हैं। इस तरह के चाॅकलेट में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ाने में मददगार होते हैं।
पानी: हमारे शरीर के ज्यादातर हिस्से पानी से बने हैं। पानी पीने और मस्तिष्क की कार्यक्षमता के बीच सीधा संबंध है। मस्तिष्क को पानी का अभाव होने से ब्रेन फाॅग, नींद की समस्यायें, मस्तिष्क की थकान, क्रोध एवं डिप्रेशन जैसी समस्यायें एवं बीमारियां होती है। हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है और शरीर के हर हिस्से को पानी की जरूरत होती है। पानी विचार प्रक्रियाओं तथा स्मृति प्रक्रियाओं जैसे मस्तिष्क के सभी कार्यों के लिए विद्युत उर्जा उपलब्ध कराता है। लेकिन केवल इतना ही नहीं, अनुसंधानों से स्मृति को तीक्ष्ण करने के अधिकाधिक रोमांचकारी तरीकों के बारे में खुलासे हो रहे हैं।
विटामिन: यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। पानी में घुलनशील विटामिन शरीर में जमा नहीं होते है और ऐसे में आहार अथवा सप्लीमेंट्स के जरिये विटामिन की नियमित आपूर्ति जरूरी होती है। दरअसल विटामिन बी 12 (कोबालामिन के नाम से भी जाना जाता है) इतना आवश्यक है कि इसकी कमी के कारण मस्तिश्क सिकुड़ने लगता है। जिन लोगों के शरीर में बी 12 की कमी होती है वे विवेक संबंधी कागनिटिव परीक्षाओं में कम अंक लाते हैं और उनके कुल मस्तिष्क का आकार भी कम होता है। इसका कारण यह है कि जब इस विटामिन की कमी होती है तो मस्तिष्क से जाने वाले संदेषों तथा मस्तिश्क को मिलने वाले संदेशों के संप्रेषण में गड़बडी आ जाती है।
विशुद्ध शाकाहारियों को बी 12 ग्रहण करने के संबंध में खास सावधानी बरतनी चाहिये और उन्हें इसकी पूर्ति करने के लिये अतिरिक्त सप्लीमेंट्स लेने चाहिये क्योंकि विटामिन बी 12 मांस, मछली, अंडे, दूध और दुग्ध उत्पादों सहित पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थों में ही प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं।
■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■
रोजमर्रे के आहार में शामिल की जाने वाली सामग्रियां
1. सैलमन और माकेरेल (एक प्रकार की समुद्री मछली): दोनों में बिल्कुल तैयार अवस्था में ओमेगा 3 होते हैं जिसे हमारा शरीर आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। यह मस्तिष्क के स्वस्थ कार्य प्रणालियों के लिये जरूरी होता है।
2. कद्दू के बीज: इसमें जिंक की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। यह खनिज स्मृति को बढ़ाने और सोचने-समझने के कौशल को बढ़ाने के लिये जरूरी है।
3. ब्रोकोली: यह विटामिन 'के' से भरपूर है जो संज्ञानात्मक (काग्निटिव) को बढ़ता है और मस्तिष्क की शक्ति में सुधार करता है।
4. अंडे: इसमें कोलीन होता है जो महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और यह स्मृति से संबंधित न्यूरोट्रांसमीटर - एसीटाइलकोलीन के उत्सर्जन में मदद करता है।
5. चुकंदर: इसमें वैसे प्राकृतिक नाइट्रेट तत्व मौजूद होते हैं जो मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं और इससे मस्तिष्क की क्षमता में सुधार होता है।
6. अखरोट: इनमें एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड मौजूद होते हैं और ये आपके मस्तिश्क के लिए सबसे फायदेमंद हैं।
(नयी दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हास्पीटल्स की वरिष्ठ इंटरनल मेडिसीन विशेषज्ञ डाॅ. नवनीत कौर के साथ बातचीत पर आधारित)
कैसे बढ़ायें अपनी याददाश्त
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
कॉस्मेटिक उपचार के बारे में मन में अक्सर कई विरोधाभाश और सवाल उठते रहते हैं लेकिन अब इनके जवाब अनुत्तरित रह नहीं रह गये हैं। यहां यह उल्लेख ...
-
– विनाेद कुमार संगोष्ठी के दौरान डा़ रामदास तोंडे की पुस्तक ʺसाहित्य और सिनेमाʺ का लोकार्पण तेजी से बदलते युग में ‘साहित्य और सिनेमा’ विषय प...
-
चालीस-पचास साल की उम्र जीवन के ढलान की शुरूआत अवश्य है लेकिन इस उम्र में अपने जीवन के सर्वोच्च मुकाम पर पहुंचा व्यक्ति पार्किंसन जैसे स्नायु...
Featured Post
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance
24th ICSI National Awards for Excellence in Corporate Governance Shri Basavaraj Bommai, Member of Parliament, Lok Sabha and Former Chief Min...
Blog Archive
Labels
addiction
ayurveda
ayush
traditional medicine
Beauty & Fitness
black fungus
bollywood
breat cancer
central government
Chandrayaan-3
children
CII
cinama
literature
corona
cosmetic laxe
covid
covid positiv mother
diabetes
diet
divyang
DNA vaccine
eye care
eye donation
food
food & nutrition
gov
health
Health centre
health and food
Health Articles
health family welfare
Health News
health news
corona
health problems
healthy food
healthy heart
Heart Care
heart diseases
covid-19
Heart Problems
immunisation
pandemic
infertility
joshimath
Lifestyle
mental health
monkey pox
National News
nutrition
child health
obesity
obesity in children
obesity and mental health
proteins
roda safety
soy food industry
soya
UHI
vaccination
vaccine
WHO
Women's Health
yoga