कैंसर के खतरे को बढ़ा रही है आधुनिक जीवन शैली

वर्ष 2030 तक भारत में कैंसर के मामलों में 78 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान


मानव विकास सूचकांक पर आधारित एक अध्ययन में भारतीय आबादी में कैंसर के मामलों में 78 प्रतिषत वृद्धि होने का अनुमान 
चिकित्सकों का कहना है कि जीवन शैली के कारण कैंसर के खतरे बढ़ रहे हैं। वह कहते हैं कि यह भविष्य का एक खतरनाक संकेत है और इसकी रोकथाम के तत्काल उपाय किये जाने चाहिए विषेशकर जीवनशैली के स्तर पर इसकी रोकथाम के तत्काल उपाय अवश्य किये जाने चाहिए। हालांकि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और लीवर और पेट के कुछ कैंसर जैसे संक्रमण की वजह से पैदा होने वाले कैंसर के मामलों में कमी आ रही है। लेकिन हार्मोन असंतुलन, खराब आहार और व्यायाम की कमी जैसी आदतों, धूम्रपान और शराब का बहुत अधिक सेवन से जुड़े फेफड़े, वृहदांत्र और स्तन जैसे कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि के कारण यह कमी गैर प्रासंगिक रह गयी है।  
यह रिपोर्ट द लैंसेट ओंकोलॉजी जर्नल में प्रकाषित हुयी है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) द्वारा विभिन्न देशों के बीच कैंसर के मौजूदा और भविष्य की प्रवृति पर वर्ष 2008 में 184 देशों से प्राप्त कैंसर पर अनसंधान के लिए अंतर्राश्ट्रीय एजेंसी (इंटरनेषनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर : आरएआरसी) आंकड़ों का विष्लेशण किया गया। मानव विकास इंडेक्स (एचडीआई) जीवन प्रत्याषा, षिक्षा और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद का एक समग्र सूचक होता है।
जिन क्षेत्रों में स्तन, फेफड़े, कोलोरेक्टम और प्रोस्टेट के अधिकतम प्रकोप हैं उन क्षेत्रों में दुनिया भर के कैंसर के आधे मामले पाये जाते हैं जबकि मध्यम एचडीआई वाले क्षेत्रों में आमाशय, पेट और लीवर के कैंसर सामान्य हैं। इस तरह इन दोनों मध्यम से लेकर उच्चतम एचडीआई वाले क्षेत्रों में ये सात कैंसर कुल कैंसर का लगभग 62 प्रतिषत हैं। कम एचडीआई क्षेत्रों में स्तन कैंसर और लीवर कैंसर दोनों की तुलना में गर्भाषय कैंसर अधिक सामान्य पाया गया। 184 देशों में पुरुषों में विभिन्न प्रकार के 9 कैंसर सामान्य रूप से पाये गये जिनमें प्रोस्टेट, फेफड़े और लीवर कैंसर ज्यादा आम थे। महिलाओं में स्तन और गर्भाषय ग्रीवा के कैंसर सामान्य रूप से पाये गये। मध्यम एचडीआई और उच्च एचडीआई क्षेत्रों में गर्भाशय ग्रीवा और पेट के कैंसर के मामलों में कमी देखी गयी जबकि महिला स्तन, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टम के कैंसर के मामलों में वृद्धि पायी गयी।     
यदि इस अध्ययन में अनुमानित कैंसर विशिष्ट और सेक्स विशिष्ट प्रवृति जारी रहती है तो वर्ष 2008 में सभी प्रकार के कैंसर के एक करोड़ 20 लाख 70 हजार नये मामलों से बढ़कर वर्ष 2030 में 2 करोड़ 20 लाख 20 हजार हो जाने का अनुमान है जो कि विष्व में कैंसर के मामलों में 75 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डा. विवेक गर्ग कहते हैं, ''लोगों को स्वास्थ्यवर्द्धक आहार का सेवन, धूम्रपान की आदत का त्याग कर और व्यायाम के साथ-साथ टीकाकरण और जल्द पहचान के प्रति जागरुक कर भविष्य के एक तिहाई से से लेकर आधे मामलों को कम करना संभव हो सकता है।