जाडे में जोड़ों का दर्द बढ़ता है 

सर्दियों में कई रोगों की तरह आथ्र्राइटिस एवं जोड़ों की समस्यायें भी बढ़ जाती हैं। जाड़ों में तापमान कम होने के कारण रक्त वाहिनियों के संकुचित होने और तंत्रिकाओं के महसूस करने की क्षमता बढ़ जाने जैसे कारणों से जोड़ों की मामूली समस्या भी असहनीय बन जाती है। 
सर्दियों में जोड़ों का दर्द आम समस्या बन जाती है। अधिक ठंड में कई बार जोड़ों की तकलीफ असहनीय बन जाती है। हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों के जोड़ न केवल हमें चलने-फिरने, उठने-बैठने और अन्य कार्य करने में मदद करते हैं बल्कि हमारे शरीर को भी सही आकार प्रदान करते हैं। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही इन जोड़ों का लचीलापन घटने लगता है जिसके फलस्वरूप जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। गर्मियों में तो जोड़ों की तकलीफ बहुत हद तक दबी रहती है लेकिन जाड़ों में यह तकलीफ बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आम तौर पर जोड़ों का दर्द बरसात और जाड़े के साथ ही शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। कुछ लोगों को जाड़े में ही जोड़ों के दर्द का अहसास होता है और चिकित्सकीय जांच से पता चलता है यह आथ्र्राइटिस है।
आथ्र्राइटिस जोड़ों के दर्द की आम समस्या है जिसमें जोड़ घिस जाते हैं। किसी जोड़ में सूजन, दर्द और अकड़न होने का मतलब आथ्र्राइटिस की शुरूआत है। अधिक उम्र के लोगों को मौसम के साथ जोड़ों के दर्द के घटने-बढ़ने की शिकायत अधिक होती है। इसके अलावा 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को उनके शरीर में होने वाले हार्मोन संबंधी परिवर्तन के कारण भी मौसम का जोड़ों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी आनुवांशिक कारणों से भी जोड़ों का दर्द होता है। उदाहरण के तौर पर 16 से 30 वर्ष के एंकालोजिंग आर्थोपेथिज से पीड़ित लोग भी जोड़ों में भारी सूजन और दर्द की शिकायत करते हैं। 
सर्दियों के मौसम में अनेक कारणों से जोड़ों का दर्द गंभीर रूप ले लेता है। विशेषज्ञों के अनुसार जाड़े के दिनों में तापमान की कमी होने के साथ जोड़ों के आसपास की रक्तवाहिनियां संकुचित होने लगती हंै। इससे जोड़ों में रक्त का प्रवाह और रक्त का तापमान कम हो जाता है। इससे जोड़ों में अकड़न और दर्द होता है और रोजमर्रे की गतिविधियां प्रभावित होती हैं। जाड़े के दिनों में जोड़ों की समस्या बढ़ने का एक और कारण यह है कि इस मौसम में वायुमंडलीय दबाव (बेरोमीट्रिक प्रेशर) में आने वाली कमी के कारण रक्त धमनियों की दीवारों के मध्य होने वाले तनाव में भी कमी आ जाती है। इसके कारण ये धमनियां फैल जाती हैं जिससे दर्द और सूजन की समस्या होती है। 
जोड़ों की समस्याओं तथा विकलांगता निवारण के क्षेत्रा में अग्रणी माने जाने वाले डा. सुभाष शल्या बताते हैं कि इसके अलावा सर्दियों के मौसम में वायुमंडल में बढ़ी नमी के कारण हमारी तंत्रिकाओं की महसूस करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। इसके कारण दर्द और तकलीफ अधिक महसूस होती है। बढ़ी हुयी नमी की मात्रा ही जोड़ों के दर्द को निर्धारित करती है। गर्मियों में यह सारी प्रक्रिया उल्टी हो जाती है जिसके कारण जोड़ों के दर्द का उतना अधिक अहसास नहीं होता है। 
सर्दियों में सबसे बड़ी मुसीबत बन जाने वाली आथ्र्राइटिस के कारण शरीर में केवल घुटने के जोड़ ही नहीं बल्कि कई अन्य जोड़ एवं अंग भी प्रभावित होते हैं। वैसे तो करीब सौ तरह की आथ्र्राइटिस होती है लेकिन इनमें ओस्टियोआथ्र्राइटिस, रह्यूमेटाॅयड आथ्र्राइटिस, गाउट और एंकालोजिंग स्पांेडिलाइसिस प्रमुख हैं।