हमारी बुद्धि और विवेक को कम करते हैं बर्गर और चिप्स 

फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन न सिर्फ आपको शरीर से बल्कि बुद्धि से भी मोटा बना देता है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार बर्गर, चिप्स, करी और कबाब जैसे अधिक वसा युक्त आहार आपकी बुद्धि और याददाश्त को कम कर सकते हैं।
चूहों पर किये गए इस अनुसंधान के तहत चूहों को 10 दिन से भी कम समय तक अधिक वसा युक्त आहार देने से न सिर्फ उनकी बुद्धि और याददाश्त में कुछ समय के लिए कमी आ गयी बल्कि उनकी मानसिक सजगता भी कम हो गयी। इसके अलावा उनकी व्यायाम करने की क्षमता में भी काफी कमी आ गयी।
इस अध्ययन के प्रमुख एंड्रयू मुरे के अनुसार लोगों के खाने, सोचने और शरीर के प्रदर्शन के बीच गहरा संबंध होता है। उनके खान-पान की आदतों से न सिर्फ उनकी सोच प्रभावित होती है बल्कि उनका शारीरिक प्रदर्शन भी प्रभावित होता है।
मुरे कहते हैं, ''पश्चिमी आहार में परम्परागत रूप से अधिक वसा होती है जिसका संबंध मोटापा, मधुमेह और दिल के दौर जैसी बीमारियों से है। हालांकि ऐसे आहार के सेवन से कम समय में कोई गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आते हैं इसलिए लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।''
मुरे कहते हैं, ''इस अध्ययन से अब लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक होंगे। उन्हें अपने स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ बुद्धि क्षमता में सुधार और सजगता में वृद्धि के लिए अपने आहार में वसा को कम करने पर गंभीरता से सोचना होगा।''  
सुप्रसिद्ध जर्नल 'फेडरेशन ऑफ द अमेरिकन सोसायटीज फॉर एक्सपेरिमेंटल बायलोजी' में प्रकाशित इस अध्ययन के तहत अनुसंधानकर्ताओं ने कुछ चूहों को कम वसा युक्त आहार और कुछ चूहों को जंक फूड जैसे अधिक कैलोरी वाले वसा युक्त आहार दिया। चार दिनों तक ऐसे आहार के सेवन के बाद उन्होंने दोनों प्रकार के चूहों में तुलना करने पर पाया कि अधिक वसायुक्त आहार का सेवन करने वाले चूहों की मांसपेशियां व्यायाम के लिए जरूरी उर्जा की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने में कम समर्थ थीं। उनमें अनकपलिंग प्रोटीन 3 नामक प्रोटीन का स्तर बढ़ गया था जिसने चूहों को दौड़ने के लिए जरूरी उर्जा के लिए कोशिकाओं को ऑक्सीजन के इस्तेमाल में कम सक्षम कर दिया। अधिक वसायुक्त आहार के सेवन के कारण उनका वजन भी बढ़ गया था और उनके हृदय को अधिक काम करना पड़ रहा था। जब दोनों प्रकार के चूहों के बीच दौड़ करायी गयी तो कम वसा का सेवन करने वाले पतले चूहे अधिक वसा का सेवन करने वाले मोटे चूहों की तुलना में करीब डेढ़ गुना अधिक तेजी से भागे।