हादसे में जब मस्तिष्क हो जाए घायल 

दुर्घटनाओं में मस्तिष्क को लगने वाली चोटें अर्थात ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरीज (टीबीआई) भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या हैए जिसके कारण हमारे समाज के युवा और सक्रिय लोगों की मृत्यु हो रही है, वे घायल और विकलांग हो रहे हैं। दुनिया में भारत में सिर पर चोट लगने की दर सबसे अधिक है। भारत में कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यहां हर साल 15 लाख से 20 लाख लोगों के सिर को गंभीर चोट पहुंचती है और एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों की जान चली जाती है। ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरीज (टीबीआई) के 60 प्रतिशत से अधिक मामले सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण होते हैं।
यह कैसे होता है
वाहन दुर्घटनाओं के अलावा, खेल—कूद के दौरान चोट लगना और उंचाई से गिर जाना भी इसका प्रमुख कारण है। ऐसा होने पर सिर में चोट भी लग सकती है। यह किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकता है, और इससे मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है। मस्तिष्क को नुकसान तब होता है जब सिर और मस्तिष्क में अचानक झटका लगने के कारण मस्तिष्क खोपड़ी में बाउंस या ट्व्स्टि आ जाता है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं में खिंचाव आता है, इंजुरी होती है और रासायनिक परिवर्तन भी होता है जिससे मस्तिष्क का सामान्य कार्य बाधित होता है।
टीबीआई का परिमाण
जरूरी नहीं है कि सिर में लगने वाली सभी चोटों का परिणाम टीबीआई के रूप में ही हो। लेकिन जब ऐसा होता है, तो टीबीआई हल्की (जैसे मानसिक स्थिति या चेतना में हल्का बदलाव) से लेकर) गंभीर तक हो सकती है (जैसे कि चोट लगने के बाद लंबे समय तक बेहोशी या सोच और व्यवहार में काफी समस्याएं)। मस्तिष्क आघात भी हल्की टीबीआई का ही एक रूप है।
ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरी वाले बच्चों में न्यूरो साइकिएट्रिक डिसआर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरी वाले बच्चों में इंजुरी के पांच साल तक सिरदर्दए डिप्रेशन और मानसिक या बौद्धिक विकार होने का खतरा अधिक होता है।
लक्षण
हल्की टीबीआई के लक्षण हैं . सिरदर्द, भ्रम, नजर का धुंधला होना और व्यवहार में परिवर्तन। मध्यम और गंभीर टीबीआई में भी ये लक्षण शामिल हो सकते हैं साथ ही बार—बार उल्टी या मिचली आना, आवाज का स्पष्ट होना, हाथ या पैर में कमजोरी और सोचने की क्षमता में समस्या जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
सिर की चोट का निदान करने के लिए एक चिकित्सीय परीक्षण पहला कदम है। मूल्यांकन में आमतौर पर न्यूरोलॉजिकल परीक्षणए दर्द रहित परीक्षण किये जाते हैं जिनमें सोच, मोटर फ़ंक्शन (मूवमेंट), सेंसरी फ़ंक्शन, समन्वय और रिफ्लेक्स का मूल्यांकन शामिल होता है।
जटिलताएं
सिर की चोट से मस्तिष्क सहित केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के महत्वपूर्ण हिस्सों को नुकसान हो सकता है। यह व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि सिर की चोट के एक मामूली मामले में भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है। इसलिए, किसी भी चोट के बाद प्रारंभिक चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है। यह याददाश्त में कमी, पक्षाघात और यहां तक कि मृत्यु जैसी जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।
टीबीआई रोगियों के लिए उपचार
— प्रारंभिक उपचार — ऐसे रोगी का इलाज जल्द से जल्द एम्बुलेंस में और फिर आपातकालीन कक्ष में शुरू हो जाता हैए और इसमें रिसस्सिटेशन, स्टैबलाइजेशन और सपोर्टिव केयर शामिल होती है। टीबीआई के मामले में एबीसी सिद्धांतों — एयरवेए ब्रीदिंग और सर्कुलेशन का पालन किया जाता है।
एक्यूट उपचार — चिकित्सक का लक्ष्य सेकंडरी ब्रेन इंजुरी को कम करना होता है और इसमें मेडिकल वेंटिलेशन, मस्तिष्क दबाव की निगरानी और मस्तिष्क में ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह को बनाए रखने के उपचार शामिल हैं।
सर्जिकल उपचार — कुछ मामलों में रक्त के थक्के को निकालने या मस्तिष्क को डिकंप्रेस करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।
ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरी (टीबीआई) का इलाज हो जाने के बाद अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी मिलने का मतलब यह नहीं है कि रोगी पूरी तरह से ठीक हो गया है। रोगी के पूरी तरह से ठीक होने के लिए उचित फौलोअप केयर की आवश्यकता होती है।
महत्वपूर्ण अवधि
भारत में, 95 प्रतिशत ट्रॉमा पीड़ितों को सिर में चोट लगने के बाद गोल्डन ऑवर की अवधि के दौरान उचित देखभाल या उचित प्रबंधन की सुविधा नहीं मिल पाती है, और टीबीआई से मरने वालों में से आधे लोगों की मौत चोट के पहले 2 घंटों के भीतर ही हो जाती है।
रोकथाम
यहां तक कि सबसे सरल सिर की चोट का भी किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और सेहत पर गंभीर परिणाम हो सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि दुर्घटना होने वाली जगह में सिर की चोटों को रोकना है। इसे सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके और विशेष रूप से खतरनाक वातावरण में हर समय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करके आसानी से रोका जा सकता है।
हमारे सिर और मस्तिष्क को चोट से बचाने के कई तरीके हैं। सिर की गंभीर चोटों को रोकने में सरल तरीकों का भी महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। सबसे अच्छा तरीका सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के लिए अत्यधिक सुरक्षा सावधानियों का पालन करना है।
यहां कुछ आसान सलाह दी गई है जिनका पालन करने पर सिर की गंभीर चोट को रोकने में मदद मिल सकती हैंः
1. ऑटोमोबाइल में हमेशा सीटबेल्ट पहनें।
2. बच्चों के लिए उपयुक्त सुरक्षा सीट का उपयोग करें।
3. नशीली दवाओं या शराब का सेवन का वाहन न चलाएं।
4. साइकिल, स्कूटर या मोटरसाइकिल चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें।
5. सीढ़ियों से ऊपर जाते / नीचे उतरते समय रेलिंग पकड़े रहें और सीढ़ि़यों पर कभी भी नहीं दौडें।
6. खड़ी सीढ़ियों जैसे खतरनाक क्षेत्रों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें।
7. सभी श्रमिकों को सही सुरक्षा उपकरण प्रदान करें।
8. कार्यस्थल में सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करें।