दिवाली के दौरान होने वाली जलन का प्राकृतिक इलाज

प्रकाश पर्व दीवाली को पटाखे फोड़कर नहीं, बल्कि रौशनी कर मनाएं। दिवाली के दौरान अगर किसी कारणवश आपका शरीर मामूली रूप से जल जाता है तो फफोले को रोकने और जलन की अनुभूति और बेचैनी को कम करने के लिए इन सरल, लेकिन प्रभावी उपायों पर अमल करें।
एलो-वेरा का रस: यह त्वचा को चिकनाई प्रदान करने के लिए सबसे प्रभावी उपाय है। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और जलने के कारण होने वाली त्वचा की जलन को कम करता है और इसलिए घर में मामूली रूप से जलने में इसका उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग करने के लिए, पहले जले हुए हिस्से पर कुछ ठंडे पानी डालें। उसके बाद एलो-वेरा की पत्तियों को लें और इसे पांच मिनट तक फ्रिज में रख दें और फिर इसका रस निकाल लें और इसे 10-15 मिनट तक जली हुई त्वचा पर लगाकर रखें। यह जलन से तत्काल राहत देगा।
शहद: यह त्वचा के जलने पर एक और प्रभावी उपाय है। यह हर किसी की रसोई में आसानी से उपलब्ध होता है। इसलिए आप जली हुई त्वचा पर शहद लगा सकते हैं या आप इसे ठंडे पानी में मिलाकर दिन में कुछ बार लगा सकते हैं। 
खीरा: एक खीरा लेकर इसे कुचल कर इसकी लुगदी बना लें। यदि संभव हो तो कुछ समय के लिए रेफ्रिजरेटर में रखे हुए खीरे का उपयोग करें। लुगदी को जले हुए हिस्से पर लगा लें। यह आपको जलन से तत्काल राहत देगा। यदि आपके पास लुगदी बनाने का समय नहीं है, तो आप इसे स्लाइस के रूप में काट कर प्रभावित हिस्से पर रख सकते हैं।
दही: जलने से प्रभावित हिस्से में दही लगाने से भी आपको तत्काल राहत मिलेगी। दही जलने के कारण लंबे समय तक दाग- धब्बे रहने की संभावनाओं को कम करने में सहायक होती है। यदि आवश्यक हो, तो प्रभावित हिस्से में एक से अधिक बार दही लगाएं।
नोट: अधिक जलने पर, आप इनमें से किसी भी घरेलू उपचार पर अमल कर सकते हैं, लेकिन तत्काल चिकित्सक को दिखाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जिवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान लेखक, सार्वजनिक वक्ता, टीवी व्यक्तित्व और आयुर्वेदाचार्य हैं।