महानगरों में आज बच्चे मधुमेह का आसानी से शिकार बन रहे है। इसका कारण है बच्चों का लाइफ स्टाइल और खान पान। बच्चों में मधुमेह का कारण जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक का अधिक सेवन है, लेकिन वे यह नहीं जानते कि अपने इस खान-पान के जरिए वे भविष्य में पनपने वाली बीमारियों को जन्म दे रहे हैं।
बच्चों में मधुमेह के बढ़ते प्रकोप के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- सॉफ्ट ड्रिंक और जंकफूड में मौजूद काब्रोहाइड्रेट दरअसल शरीर में जरूरत से अधिक ग्लूकोज की मात्रा बनाता है, जिससे मोटापे की समस्या भी बढ़ रही है। हालांकि कई बच्चों में मधुमेह आनुवांशिक भी होता है, लेकिन आज के दौर में अधिक खान-पान के कारण मधुमेह रोगियों की संख्या बढ़ रही है।
- सॉफ्ट ड्रिंक में 12 प्रतिशत अधिक ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट होता है जो कि बच्चों में मधुमेह जैसी बीमारियों को बढ़ा रहा है। बच्चों का शारीरिक श्रम इतना नहीं होता कि वे अधिक कैलोरी और ग्लूकोज को पचा पाएं।
- मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें रक्त शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा अत्यधिक हो जाती है क्योंकि शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन तैयार नहीं कर पाता। लेकिन बच्चे अधिक ग्लूकोज को पचा नहीं पाते।
- मधुमेह की वजह सॉफ्ट ड्रिंक को अधिक माना गया है इसीलिए बच्चों को पेय पदार्थ के तौर पर घर के बने पेय पदार्थ देना ज्यादा बेहतर रहता है।
- मधुमेह ग्रस्त बच्चे में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं बहुत कमजोर हो जाती है जिससे बच्चे का इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है।
- जिन बच्चों को मधुमेह होता है, उनके रक्त में शर्करा का स्तर काफी अधिक होता है जिससे बच्चा अधिक कमजोर होता है, उसे ज्यादा थकान होती है और वह मोटापे का शिकार हो जाते है।
- बच्चों में मधुमेह के इलाज के लिए मोटापा कम करना जरूरी है। इतना ही नहीं बच्चे को शारीरिक रूप से सक्रिय रखना चाहिए।
- बच्चे को सुबह-शाम जॉगिंग और अन्य व्यायाम कराएं जिससे अतिरिक्त कैलोरी की खतप हो सके।
- बच्चे के खान-पान पर विषेश ध्यान दिया जाना चाहिए। खासकर बच्चे को मिठाईयां खाने से रोकना चाहिए।
- बच्चे के लाइफ स्टाइल में परिवर्तन कर बच्चे को सही समय पर खाना देना चाहिए और बाहर की चीजों को बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।
- समय-समय पर बच्चे का वजन नापना चाहिए और डॉक्टर से भी नियमित जांच कराते रहना चाहिए।
बच्चे को अधिक से अधिक पानी पिलाना चाहिए और बच्चे का डाइट चार्ट बनाना चाहिए, जिससे बच्चे का मोटापा कम किया जा सकें।
- बच्चे को उसकी बीमारी के बारे में जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है जिससे बच्चा अपने खान-पान को संतुलित रख सकें। इतना ही नहीं बच्चे की अतिरिक्त देखभाल मधुमेह का इलाज है।