आसान, तेज और दर्दरहित न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी से महिलाओं के जीवन में आयेगा बदलाव

यदि आप महिला हैं, और आपको पेट दर्द, भारी माहवारी होती हो और आप गर्भ धारण नहीं कर पा रही हैं, तो आपके फाइब्रॉएड से पीड़ित होने की आशंका अधिक है। नयी दिल्ली स्थित सनराइज हाॅस्पिटल्स की स्त्री रोग विशेषज्ञ और लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. निकिता त्रेहन कहती हैं, ''महिलाएं अब भी अपनी बीमारी को लेकर चुप रहती हैं और उनके लिए परिवार के स्वास्थ्य को ठीक रखना ही हमेशा प्राथमिकता होती है। वे यह सोचकर जान-बूझकर डॉक्टर से परामर्श लेने से बचती रहती हैं कि फाइब्रॉएड से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी कराने पर वे अपना दैनिक कामकाज नहीं कर पाएंगी।'' हालांकि उनकी सोच सही है, लेकिन अब समय बदल गया है और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक वरदान के रूप में सामने आया है। फाइब्रॉएड से पीड़ित अधिकतर महिलाएं वास्तव में यह सर्जरी करा सकती हैं और उत्सव के मौसम में वे अपनेे परिवार को गुणवत्ता पूर्ण समय दे सकती हैं।
डॉ निकिता त्रेहन कहती हैं, ''फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, पीसीओएस और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी अब बहुत ही सरल, त्वरित और कम डरावना हो गई है। महिलाओं को अब इस बात को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है कि ''उनके पास समय नहीं है''। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के नाम से भी जानी जाने वाली यह सर्जरी एक सुविधाजनक डे-केयर विकल्प है, जिसके पारंपरिक ''ओपन सर्जरी'' की तुलना में कई फायदे हैं। कई मामलों में, महिला को अस्पताल में सुबह भर्ती कराया जा सकता है और उसे शाम में डिस्चार्ज किया जा सकता है। अन्य महिलाएं 24 घंटे के भीतर घर जा सकती हैं।''
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में अस्पताल में कम समय तक रहने के कारण इस सर्जरी का खर्च कम आने के अलावा भी कई फायदे हैं। जैसे: अस्पताल में कम समय तक रहने के कारण कांट्रैक्टिंग इंफेक्शन की नणन्य संभावना होती है, सिर्फ एक या दो दिनों तक ही काम नहीं कर पाना, सिर्फ लगभग 1 से 2 सेंटीमीटर का चीरा लगने के कारण बहुत कम रक्तस्राव और आपरेशन के बाद बहुत कम दर्द या असुविधा होना, और बहुत छोटा निशान होता है जो आम तौर पर स्पष्ट नहीं होता है या दिखाई नहीं देता है।