40 साल से कम की उम्र में भी बढ़ रहा है दिल के दौरे का प्रकोप 

50 साल की उम्र में दिल का दौरा कुछ दशक पहले तक कम ही हुआ करता था, लेकिन अब 30 और 40 के दषक वाले लोगों में भी गंभीर दिल का दौरा पड़ने लगा है। आजकल कई युवाओं में दिल के दौरे के जोखिम कारक मुख्य रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप देखना बहुत आम है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. (प्रो.) दीप सी पंत ने इस अध्ययन के परिणाम की घोषणा की। यह निश्कर्श 2016 से 2018 तक बरेली के एसएमआरएच हाॅस्पिटल आने वाले दिल से संबंधित बीमारी से पीड़ित 15000 रोगियों के अवलोकन आयु वर्ग और जोखिम कारक विश्लेषण पर आधारित है।
डॉ. दीप पंत ने कहा कि आयु वर्ग के विश्लेषण में सभी हृदय रोगियों में से एक तिहाई रोगी 40 वर्ष से कम उम्र के पाये गये। उन्होंने कहा, “युवाओं का हृदय रोग से पीड़ित होना अत्यंत चिंताजनक स्थिति है क्योंकि युवाओं को अभी लंबी जिंदगी जीनी होती है और भारत में अधिकांश कामकाजी लोग इसी उम्र के होते हैं। दिल से संबंधित खतरनाक बीमारियों से पीड़ित होने पर उस व्यक्ति, उसका परिवार, आश्रितों के लिए यह परेशानी पैदा कर सकता है और इससे व्यक्तिगत रूप से और भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी स्वास्थ्य सेवा खर्च का बोझ पड़ सकता है।”
जोखिम कारकों के विश्लेषण करने पर पाया गया कि धूम्रपान और अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि इसके प्रमुख कारक थे, संभवतः हृदय रोग की जल्द शुरुआत या मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे हृदय रोग के लिए ट्रिगर थे।
डॉ. पंत ने बताया कि युवा अब ज्यादातर समय टीवी या मोबाइल फोन, कंप्यूटर जैसे अन्य स्क्रीन को  देखने में बिताते हैं। इसके अलावा, यहां तक कि छोटी दूरी की यात्रा करने के लिए भी वे कार या मोटरबाइक से जाना पसंद करते हैं। ये सब मिलकर जीवन शैली को आराम तलब और कम सक्रिय बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि ''हम जिन लोगों को सुबह की सैर करते हुए देखते हैं उनमें से ज्यादातर आम तौर पर बुजुर्ग होते हैं जबकि युवा काम करने, पढ़ाई करने आदि के लिए अपने समय को महत्व देते हैं, लेकिन उचित व्यायाम के लिए उनके पास समय नहीं होता।''
डॉ. पंत ने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में हम लोगों को आश्वस्त कर सकते हैं कि हम उचित उपकरणों और इलाज से अच्छी तरह से सुसज्जित हैं और अच्छी तरह से तैयार हैं ताकि दिल का दौरा पड़ने से कोई जीवन न गंवाना पड़े, बशर्ते कि मरीज समय पर हमारे पास पहुंच जाए। लेकिन हृदय रोग की शुरुआत को रोकना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि रोजाना कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम कर, किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन न कर, जंक और डीप फ्राइड फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, समोसा, पकोड़ा आदि का सीमित सेवन कर, तनाव को कम कर ताकि यह विशाक्त स्तर तक न पहुंच सके और पर्याप्त नींद लेकर 80-90 प्रतिषत दिल के दौरे को रोका जा सकता है।