भारत में जन्म देते समय कितनी माताओं की मौत होती है


मातृ और किशोर स्वास्थ्य 


मातृ स्वास्थ्य महिलाएं किसी भी जीवंत समाज की मजबूत स्तंभ होती हैं। इस प्रकार देश का सतत विकास तभी हो सकता है जब हम अपनी महिलाओं और बच्चों की समग्र देखभाल करेंगेमातृ स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारी और रणनीतिक निवेश किया गया है। बढ़ती समानता और घटती गरीबी को देखते हुए किसी भी देश के विकास के लिए मातृ स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण पहलु हैंमाताओं की उत्तरजीविता तथा कल्याण न केवल उनके अपने अधिकार हैं अपितु वे व्यापक आर्थिक, सामाजिक और विकासपरक चुनौतियों से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं


मातृ मृत्यु दर अनुपात (एमएमआर)


भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) वर्ष 1990 में काफी अधिक था अर्थात् प्रति सौ हजार जीवित जन्मों पर बच्चों को जन्म देते समय 556 महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। गर्भावस्था और बाल जन्म से जडी जटिलताओं के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1.38 लाख महिलाओं की मृत्यु हो रही थी। उस समय वैश्विक एमएमआर 385 पर अत्यंत कम था। तथापि, भारत में एमएमआर में तेजी से गिरावट आती रही है। देश में एमएमआर में वैश्विक 216 एमएमआर (2015) के मुकाबले 130 (एसआरएस 2014-16) तक गिरावट आई है। मातृ मौतों की संख्या में 77 प्रतिशत तक कमी आई है।


एमएमईआईजी की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक मातृ मौतों में भारत की हिस्सेदारी में अत्यधिक गिरावट आई है सतत् विकास लक्ष्य (एमडीजी) 3 मातृ स्वास्थ्य से संबंधित है जिसका लक्ष्य मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में कमी लाना है। (वर्ष 2030 तक प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 70 से कम एमएमआर किया जाना है


वैश्विक रूप से 2.3% की औसत वार्षिक गिरावट के साथ वर्ष 1990 में 385 की एमएमआर से वर्ष 2015 में अनुमानित 216 मातृ मौतों में प्रति 100,000 जीवित जन्म तक विगत 25 वर्षों के दौरान विश्व के एमएमआर में लगभग 44 प्रतिशत तक की गिरावट आई। भारत में 25 वर्षों में मातृ मृत्यु में 77% की गिरावट दर्ज की गई है।


                       वैश्विक संदर्भ में एमडीजी-5 पर भारत की प्रगति



स्रोतः “मातृ मृत्यु दर में रुझान वर्ष 1990 से 2015 तक यूएन इंटर एजेंसी एक्सपर्ट समूह तथा आरजीआई - एसआरएस


गिरता हुआ मातृ मृत्यु दर अनुपात (एमएमआर) मात संबंधी मौतौं का डाटा भारतीय महापंजीयक (आरजीआई) द्वारा अपनी प्रतिदर्श पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के जरिए मातृ मृत्यु दर अनुपात (एमएमआर) के रूप में उपलब्ध करवाया जाता है। भारत के महापंजीयक प्रतिदर्श पंजीकरण


प्रणाली (आरजीआई-एसआरएस) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत की एमएमआर ने वर्ष 2007-09 की अवधि में 212 प्रति 100,000 जीवित जन्मों से वर्ष 2011-13 की अवधि में 130 प्रति 100,000 जीवित जन्मों तक गिरावट दर्शाई है।


भारत के संबंध में एमएमआर में गिरावट की तेज गति



स्रोतः आरजीआई – एसआरएस