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योग रखेगा आपके श्वसन तंत्र और हृदय को मजबूत

@डॉ. रामेश्वर पाल

योग आसन और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आप अपने श्वसन तंत्र और हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं, फेफड़ों की कार्यक्षमता और रक्त परिसंचरण को बढ़ा सकते हैं। इससे आपको श्वसन तंत्र और हृदय संबंधी रोगों से भी प्रभावी तरीके से सुरक्षित रह सकते हैं।


योग एक प्राचीन अभ्यास है, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। योग का श्वसन तंत्र और हृदय संबंधी, दोनों प्रणालियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। योग आसन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से इन प्रणालियों की दक्षता और कार्यक्षमता में काफी वृद्धि हो सकती है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है और लचीलापन बढ़ता है।

श्वसन तंत्र पर योग का प्रभाव

योग के नियमित अभ्यास से श्वसन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है, जिससे श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। श्वसन प्रणाली पर योग के लाभों में से प्रमुख हैं - लंग वॉल्यूम और कपेसिटी में सुधार। इसमें टाइडल वॉल्यूम, वाइटल कपेसिटी, अधिकतम वेंटिलेटर वॉल्यूम और फोर्स्ड वाइटल कपेसिटी आदि में सुधार भी शामिल हैं। ये पैरामीटर फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने की क्षमता को दर्शाते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

विभिन्न योग आसन, जो विशेष रूप से छाती के विस्तार और संकुचन पर केंद्रित हैं, श्वसन क्रिया को सीधे प्रभावित करते हैं। ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, और धनुरासन जैसे आसन छाती के विस्तार में योगदान करते हैं और पोस्चर संबंधी दोषों को ठीक करने में मदद करते हैं, जिससे लंग वॉल्यूम और कपेसिटी बढ़ते हैं और सांसें गहरी हो जाती हैं।

डायाफ्राम और इंटरकोस्टल मांसपेशियों सहित श्वसन तंत्र की मांसपेशियों को मजबूत करने में यौगिक श्वास तकनीक और प्राणायाम महत्त्वपूर्ण  भूमिका निभाते हैं। इस दौरान श्वास पर नियंत्रण हासिल करने से श्वसन तंत्र की मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। इसके परिणामस्वरूप, फोर्स्ड एक्सपिरेटरी वॉल्यूम और मैक्सिमम वॉल्यूंटरी वेंटिलेशन आदि के बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।

इसके अलावा, प्राणायाम और आसनों के अभ्यास से रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलता है, जिससे सभी महत्त्वपूर्ण  अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होती है। 

हृदय स्वास्थ्य पर योग का प्रभाव

हृदय को स्वस्थ रखने में भी योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चाहे स्थिरता प्रदान करने वाले आसनों का अभ्यास हो या गतिशीलता प्रदान करने वाले, इन दोनों से हृदय-प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रिलैक्स करने वाले आसन जैसे कि शवासन के अभ्यास से शांति और विश्राम की स्थिति उत्पन्न होती है। इससे हृदय गति, रक्तचाप की नियमितता बनी रहती है, साथ ही सिंपथेटिक और पैरा-सिंपथेटिक नर्वस सिस्टम  के बीच संतुलन स्थापित होता है। इससे बेसल हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है।

सूक्ष्म व्यायाम जैसे वार्म-अप अभ्यास लक्षित क्षेत्रों में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, परिसंचरण को बढ़ाते हैं और शरीर को एडवांस आसनों के लिए तैयार करते हैं। इसके विपरीत, एडवांस आसन का अभ्यास हृदय प्रणाली को सक्रिय करता है और हृदय गति को बढ़ाता है। 

योग के नियमित अभ्यास से रक्त प्रेशर, लिपिड प्रोफाइल और समग्र कार्डियोवेस्कुलर संबंधी मापदंडों में सुधार देखा गया है। योग हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। इससे हृदय पूरे शरीर में रक्त को अधिक कुशलता से पंप करता है। 

हाई ब्लड प्रेशर वाले बरतें विशेष सावधानी

हालांकि, इस बात पर ध्यान देना महत्त्वपूर्ण  है कि हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति में इन्वर्टेड पोज वाले कुछ आसन जैसे कि सर्वांगासन, विपरीत करणी, हलासन, और मयूरासन नहीं करने चाहिए। ये आसन हृदय प्रणाली पर दबाव बढ़ा सकते हैं और पहले से दिल की बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए जोखिम हो सकता है। 


योग के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त करें

अगर आप अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करते हैं तो इससे आपको श्वसन और हृदय संबंधी कई लाभ मिलते हैं। आसन और प्राणायाम तकनीकों के माध्यम से, फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार आता है, रक्त संचार बेहतर होता है और दिल स्वस्थ रहता है। कुल मिलाकर, योग विभिन्न श्वसन और हृदय संबंधी स्थितियों के प्रबंधन और रोकथाम के लिए एक शक्तिशाली उपाय है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और दीर्घायु बनाता है।


डॉ. रामेश्वर पाल नई दिल्ली स्थित मोरार जी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में ह्यूमन फिजियोलॉजी के एसिस्टेंट प्रोफेसर हैं।  

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Over 800,000 Government Employees Benefit from MDNIY's Yoga Break Programme


New Delhi, 
Nov 14, 2024  Dr. Jitendra Singh, the Honourable Union Minister of State for the Department of Personnel and Training (DoPT), Govt of India, awarded a Certificate of Appreciation to the Morarji Desai National Institute of Yoga (MDNIY) for the outstanding performance of its ‘Yoga Break at Workplace’ (Y-Break) course. 
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World Diabetes Day - Breaking Barriers, Bridging Gaps

By Saima Wazed, WHO Regional Director for South-East Asia

This year the theme for World Diabetes Day is "Breaking Barriers, Bridging Gaps”. It serves as a reminder to all of us of the need to collectively work to overcome the growing burden of diabetes globally and in WHO South-East Asia Region. 

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Woman without Heart


The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein !! She is a woman without a heart in her body. She is a rare case in the world, as she carries her artificial heart in a bag.   

The British newspaper "Daily Mail" reported that Salwa Hussein, aged 39, is the only one who lives like this way in Britain.  

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घरेलू हिंसा कानून : राह में हैं अभी भी कांटे – विनोद विप्लव


घरेलू हिंसा निषेध अधिनियम लागू हो तो गया है लेकिन इसे ज़मीन पर लाने में खासी दिक्कतें हैं। इस कानून के सामाजिक पक्षों की पड़ताल कर रहे हैं विनोद विप्लव 
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एग्री यंग मैन से हंग्री ओल्ड मैन बनने का अमिताभ बच्चन का सफर

■ विनोद विप्लव

अमिताभ बच्चन की पहली और दूसरी फिल्मी पारी तथा जीवन के उतार-चढ़ावों के बीच राजनीति व राजनेताओं के साथ उनके अच्छे-बुरे रिश्तों पर एक नजर ।




भारतीय फिल्म उद्योग के बारे में कई कहावतें मशहूर हैं। एक तो यह है कि 'यहां आदमी आकाशवाणी की अदद नौकरी के लिए नाकाबिल देखते-देखते करोड़पति बन सकता है और देखते-देखते खाकपति।' 
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Need of the Hour: A Holistic Approach to Food and Nutrition Security


 - Vinod Kumar 

World food day (WFD) is celebrated every year around the world on 16th October, the founding date of the Food and Agricultural Organisation of the United Nations, as an actionable day against world hunger. Every year WFD is celebrated with a theme to fight global hunger.

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कैसे उबरे मौत के डर से‚ योग भी है कारगर

– विनोद कुमार


मृत्‍यु निश्चित है लेकिन यह जानने के बावजूद हर व्यक्ति को मौत काता है। गुजरता हुआ अत्यधिक सक्रिय हो जाता है जिससे उस सदमे का प्रभाव व्यक्ति पर गहरा और स्थायी रूप से लंबे समय तक रहता है और उसे दुनिया या अधिकतर स्थितियां भयावह और खतरनाक लगने लगती है। जब इस सदमे का समाधान नहीं किया जाता है तो डर और लाचारी की यह भावना आपात का रूप लेने लगती है। 
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Are you drinking too much water in a bid to stay hydrated?

                                                                    By Vinod Kumar 
Have you ever wondered why water is most commonly termed as life? This is because it is one of the most important nutrients for human existence and is involved in almost all the metabolic processes. 
We often ask experts how much water one should consume as there is no one fixed measurement that stays true for all individuals. The recommended consumption amount is around 2.5-3.0 litres water or approx. 8-10 ounce of glasses a day. 

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मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में ‘शिक्षक दिवस’ पर विशेषज्ञों ने की गुरू के महत्व पर चर्चा की

– विनोद कुमार


शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर आज मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (मो.दे.रा.यो.सं.) के प्रेक्षागृह में डिप्लोमा इन योग साइंस (डीवाईएससी) के नवागंतुक छात्र-छात्राओं के स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रो. संजीव शर्मा, कुलपति, एन.आई.ए., आयुष मंत्रालय, जयपुर ने मुख्य अतिथि और प्रो. सुदीप्त रथ, डीन अंतःविषय पाठ्यक्रम और आईटी प्रभारी, एनआईए, जयपुर ने विशिष्ट अतिथि के रुप में शिरकत की। डॉ. काशीनाथ समगंडी, निदेशक, मो.दे.रा.यो.सं. ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के सामूहिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

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योग के क्षेत्र में अकादमिक और चिकित्सीय उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान का कार्यक्रम

– विनोद कुमार

नई दिल्‍ली। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत कार्यरत मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान  में 19 से 24 अगस्त के दौरान आयुष शिक्षकों (सहायक आचार्य और उससे ऊपर), डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए छह दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक आयामों में योग में प्रतिभागियों की अकादमिक और चिकित्सीय विशेषज्ञता को बढ़ाने और उन्नत करने के लिए बनाया गया है।

इस 6 दिवसीय कार्यक्रम का मूल उद्देश्य दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक क्षेत्रों में प्रतिभागियों के अकादमिक और चिकित्सीय ज्ञान को फिर से सक्रिय और बढ़ाना है।

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भारत में एक मजबूत ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए हर घर थंडर अभियान

– विनोद कुमार



भारत के अग्रणी चार्ज प्वाइंट ऑपरेटर टीसीपीएल ने #HarGharThunder अभियान शुरू किया है। यह अपनी तरह की पहली पहल है। 

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Ujjain Man Who Lost Both Hands and One Leg in Electric Shock Accident Successfully Undergoes Bilateral Hand Transplant

      - Vinod Kumar


                                                                 

Three years ago in December 2020, Jeevesh Kushwah, a mechanical engineer from Ujjain, Madhya Pradesh accidentally sustained a high-voltage electric shock, while working in a steel fabrication factory. He suffered severe electric burns on both his arms and legs and was rushed to a nearby hospital and later on, treated in Indore.

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फिल्मों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वराज कपूर और मनु महाराज की जोड़ी आगे आये

– विनाेद कुमार


मुम्बई में आयोजित छठवें  ग्लोबल फिल्म एवं टूरिज्म कॉन्क्लेव में लोकप्रिय उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता स्वराज कपूर और मनु महाराज पहुंचे जहा पर बॉलीवुड के दिग्गज अब्बास-मस्तान और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के साथ साथ कई फिल्मी हस्तियां भी इस इवेंट में शामिल रहे ।

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A 6-year-old from Uzbekistan gets a new lease of life from recurrent Ewing Sarcoma

–Vinod Kumar


New Delhi: A city Hospital has successfully treated a six-year-old patient from Uzbekistan suffering from recurrent round cell tumor, identified as PNET/Ewing sarcoma. 

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The Indian Academy of Pediatrics introduces Nationwide Pathbreaking Child Health Campaign


- Vinod Kumar

Mumbai: The Indian Academy of Pediatrics (IAP) has launched a pioneering program called “IAP Ki Baat, Community Ke Saath” to actively engage with communities and provide essential information on child health. The first topic to be covered is “Anemia Ki Baat, Community Ke Saath,” followed by

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